सिलीगुड़ी, 13 अप्रैल (नि.सं.)। पूरे देश में लॉकडाउन का 20 वां दिन है। लॉकडाउन की मार अब धीरे- धीरे लोगों में पड़ने लगी है। इसका असर सिलीगुड़ी से करीब 27 किलोमीटर दूर कालिम्पोंग जिला अंतर्गत मोंगपोंग गांव में दिखने लगा है। इस गांव में करीब 2500 लोग रहते है। यहां के लोग दैनिक मजदूरी व प्राइवेट संस्थाओं में काम करते है। लॉकडाउन की वजह से अब यहां के लोग बेरोजगार हो गये हैं। कामकाज न होने की वजह से यहां रहने वाले लोगों पर अथिक खतरा मडराने लगा है। परिवार चलाने के लिए अब यहां के लोगों के पास प्रयाप्त रुपया भी नहीं है।
गांव की बेवसी तो देखिये यहां अभी तक कोई स्वंमसेवी संस्था की मदद भी नहीं पहुंची है। वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन के कारण स्कूल कॉलेज आगामी 10 जून तक बंद रहेंगे। जिस वजह से मोंगपोंग गांव में स्थित एक सरकारी एंव तीन गैर सरकारी स्कूल में पठन – पठान बंद है। जिससे अब इस गांव के बच्चों के पढ़ाई पर भी इसका असर पर रहा है। अब सवाल यह है कि जिस तरीके से शहरी क्षेत्रों में स्कूली व कॉलेज के बच्चों के पढ़ाई पर कोई प्रभाव ना पड़े इसके लिए ऑनलाइन एवं डिजिटल क्लास की सुविधा मुहैया कराई जा रही है, पर क्या मोंगपोंग गांव में यह सुविधा उपलब्ध होगी।
अगर नहीं तो मोंगपोंग गांव के बच्चों का भविष्य लॉकडाउन के कारण अधर में लटक सकती है। मोंगपोंग गांव वालों ने बताया कि इस गांव के ज्यादातर लोग श्रमिक या प्राइवेट संस्था में काम करते है। लॉकडाउन के कारण सब बंद है। काम बंद होने की वजह से उन लोगों को परिवार चलाना काफी मुश्किल हो गया है। सरकारी तरफ से जो राशन मिलता है। उससे परिवार का पेट नही भर पाता है।
अब तो लॉकडाउन फिर बढ़ गया है पता नहीं आगे उसका दिन-रात कैसे कटेगा। वहीं गांव के शिक्षकों ने बताया कि शिक्षण संस्थाओं के बंद होने से इस गांव के बच्चों के पढ़ाई में असर पड़ेगा। इस गांव में डिजिटल क्लास की सुविधा नही है। पढ़ाई कैसे पूरा होगा यह चिंता का विषय है