मालदा, 10 अप्रैल(नि.सं.)। मालदा जिला आम के जिला के नाम से आज पूरे भारत में विख्यात है। मालदा के लंगड़ा, फाजली व हिमसागर आम के स्वाद के दीवाने आज पूरे भारत मिल जाएंगे। पूरे जिले में विघा-विघा जामिन पर फैली आम के बगान है।
इस जिले में मुख्य आय का स्रोत यहां के आम है। लेकिन, ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इस बार आम के दीवानों को मालदा के आम से दूर रहना पड़ सकता है। लॉकडाउन के चलते इस बार मालदा जिले में आम की स्थिति बेहद ही खराब है। आम के पेड़ से सभी मंजर झर रहे है। जिसके चलते मालदा के आम की खेती करने वाले बेहद चिंता में है। लेकिन लॉकडाउन से आम का किया वास्ता? इस विषय में आम की खेती करने वाले भवेन मंडल ने बताया कि इस वर्ष अन्य वर्षों की तुलना में मंजर काफी ज्यादा हुई है।
आम की खेती करने वाले लोग इसी आशा में थे कि अच्छी फल होने से लाभ भी अच्छा होगा। हर वर्ष मार्च-अप्रैल के महीनों में जीवाणुमुक्त करने के लिए आम के पैड़ों में स्प्रे के साथ ही पानी भी दी जाती है। लेकिन लॉकडाउन के चलते ऐसा नहीं हो पा रहा है। ऐसी परिस्थिति में सिर्फ़ मालदावासी ही नहीं बल्कि आम को पसंद करनेवाले इस वर्ष आम के स्वाद से वंचित हो सकते है। मालदा जिला के मर्चेंट चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स के संपादक जयन्तु कुंडू ने बताया कि मालदा में आम की परिस्थिति अच्छी नहीं है।
इस समय देखा जाता था कि व्यवसायीयों द्वारा आम फल को देख कर मोलभाव कर के आमों को ख़रीदा करते थे। लेकिन लॉकडाउन के चलते आम की देख-रेख सही ढंग से नहीं हो पा रही है। जिसके चलते विदेशों में भी इस बार आमों का निर्यात करना संभव नहीं हो सकता है।