सिलीगुड़ी, 3 अप्रैल(नि.सं.)। टी बोर्ड के दिशानिर्देशों से उत्तर बंगाल चिंतित है। इधर, बुधवार को विधाननगर की एक चाय फैक्ट्री में चाय की पत्तियां को ले जाया गया तो फैक्ट्री अधिकारियों ने उन्हें लेने से इंकार कर दिया। इसके बाद छोटे चाय किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर किया। हाल ही में टी बोर्ड ने जानकारी दी कि अगर चाय की पत्तियों में केमिकल पाया गया तो फैक्ट्री का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। यह निर्देश आते ही चाय उद्योग से जुड़े लोग चिंतित है।
वहीं, बुधवार को विधाननगर की एक फैक्ट्री में छोटे चाय किसान चाय की पत्तियां ले गए। बोर्ड की गाइडलाइन के मुताबिक फैक्ट्री की ओर से चाय पत्ती में रसायन नहीं होने का प्रमाण पत्र किसान से मांगा गया। फैक्ट्री अधिकारी ने बिना किसी प्रमाण पत्र के चाय पत्ती लेने से इंकार कर दिया। बाद में चाय किसानों ने सड़क पर चाय की पत्तियां फेंक कर विरोध जताया।
चाय किसानों ने कहा कि हमें इसकी जानकारी नहीं है। हमें किसी ने नहीं बताया है। सर्टिफिकेट कैसे मिलेगा यह भी स्पष्ट नहीं है। अब मैं परेशान हूं कि कैसे क्या करूं। उधर, फैक्ट्री अधिकारियों की ओर से बताया गया है कि हमें हाल ही में गाइडलाइंस मिली है। जिससे फैक्ट्री को भी नुकसान हो रहा है। दरअसल, जीटीए के मुख्य कार्यकारी अनित थापा ने मंगलवार को चाय के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से मुलाकात किए थे। मुख्यमंत्री ने कहा था कि मामले की शिकायत उचित जगह पर की जायेगी।