राजगंज, 11 नवंबर (नि.सं.)।108 साल पुरानी बिहारू हाट की काली पूजा सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतिक है। राजगंज ब्लॉक के सन्यासी काटा ग्राम पंचायत के बिहारू हाट में 1912 साल में बिहारु मोहम्मद ने खुद अपने हाथ से यह काली पूजा शुरू किया था। यह जानकारी बिहारु मोहम्मद के पोता अमीन हुसैन ने दी। उनके अनुसार तभी से यह काली पूजा हो रही है। इस साल काली पूजा अपने 108 वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है। उन्होंने कहा कि उनके दादा खुद अपने हाथों से यह पूजा करते थे।
उनके बाद उसके पिता अब्दुल रहमान पूजा का सारा खर्च वहन करते है और वे व्यक्तिगत रूप से ब्राह्मणों के साथ पूजा करते है। वे पूजा में नियमों के अनुसार उपवास भी करते हैं। इधर पूजा आयोजन से जुड़े सुमन साहा ने कहा कि इस साल कोरोना की वजह से पूजा को धूमधाम से नहीं मनाने का निर्णय लिया गया है। पूजा कोरोना के गाइड लाइन के मद्देनजर की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस पूजा का आयोजन यहां के अल्पसंख्यक समुदाय के मुस्लिम भाई करते है। यह पूजा उन्हीं के वित्तीय समर्थन से आयोजित होती है।