अलीपुरद्वार,17 जुलाई (नि.सं.)। अलीपुरद्वार के एसीजेएम-2 अदालत ने 10 साल तक चले मुकदमे के बाद हत्या के प्रयास के मामले में दो लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। बताया गया है कि रॉकी दास और उनके भाई हॉकी दास ने 2011 में मिठू सेनगुप्त पर हमला किया था। हालांकि,मिठू सेनगुप्ता बच गया था, लेकिन उसने अपना दाहिना हाथ खो दिया था।
घटना के बाद मिठू की पत्नी ने अलीपुरद्वार थाने में एक शिकायत दर्ज करवायी थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने रॉकी और हॉकी को गिरफ्तार किया था। बाद में रॉकी को जमानत पर रिहा कर दिया गया था, लेकिन हॉकी को जमानत नहीं मिली थी। वहीं, हाथ गवाने के बाद मिठू बेरोजगार हो गया था। इसलिए उसने करीब डेढ़ साल पहले मानसिक तनाव के चलते आत्महत्या कर ली थी।
हालांकि, मिठू की पत्नी ने कानूनी लड़ाई जारी रखी। आज अलीपुरद्वार के एसीजेएम-2 अदालत ने दोनों आरोपी रॉकी दास और हॉकी दास को उम्रकैद की सजा सुनाई। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद फैसले से मिठू का परिवार खुश है। उन्होंने कहा कि उन्हें उचित न्याय मिला है।