अलीपुरद्वार,23 दिसंबर (नि.सं.)। अलीपुरद्वार के शामुकतला के किसानों ने पोषक तत्वों से भरपूर काली अदरक की खेती शुरू की है। पूर्वोत्तर भारत में मणिपुर के किसान इस विशेष प्रकार की काली अदरक की खेती करते हैं। इसे कई दशकों से थाई काली अदरक के नाम से जाना जाता है। यह काली अदरक 1500 से 2000 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर बेची जाती है। यह एक मेडिप्लांट भी है।
इस साल अलीपुरद्वार के शामुकतलाके सदानंद चक्रवर्ती समेत कुछ अन्य किसानों ने इस काली अदरक की खेती शुरू की है।काली अदरक की खेती दोमट मिट्टी में की जाती है। हालांकि, इसकी खेती दोमट और चिकनी मिट्टी को मिलाकर भी की जा सकती है। काली अदरक की खेती जमीन की बजाय बोरे या टब में मिट्टी भरकर भी की जा सकती है। काली अदरक की खेती करने में 7-8 महीने का समय लगता है। किसानों ने कहा कि यह खेती वर्ष के किसी भी समय किया जा सकता है।
इस संबंध में सदानंद चक्रवर्ती ने कहा कि इस साल इस अदरक की खेती आधे बीघे से भी कम जमीन पर की गई है। हम इस काली अदरक को मणिपुर से लाए हैं। हमने इस साल इसकी खेती की है। मैंने काली अदरक के फायदों के बारे में मणिपुर से जानकारी ली है।अगले वर्ष और अधिक खेती करने की इच्छा है।