एटीएम फ्रॉड गैंग के गिरफ्तार सदस्य लिए गए 10 दिन के रिमांड पर, जामताड़ा के साथ कनेक्शन को खंगाली की पुलिस 

सिलीगुड़ी, 14 दिसंबर (नि.सं.)। बिहार के एटीएम फ्रॉड गैंग का जामताड़ा के साथ तो कोई संपर्क नहीं है। सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस की बागडोगरा थाना इस गैंग का जामताड़ा के साथ कनेक्शन को ढूंढ रही है।क्योकि जामताड़ा में बैठ कर फोन के माध्यम से बैंक अकाउंट से रूपये गायब करने वाला एक नेटवर्क काम कर रहा है। जिसे अब तक पकड़ा नहीं गया है, लेकिन बागडोगरा थाना की पुलिस को इस गैंग के साथ जामताड़ा के साथ संपर्क होने का संदेह है। बागडोगरा थाना और एसओजी ने मिलकर सहायता के नाम पर एटीएम फ्रॉड करने वाले गैंग के चार सदस्य को गिरफ्तार कर एक बड़ा खुलासा बीती रात किया है। वहीं, गिरफ्तार आरोपियों को आज सिलीगुड़ी अदालत में पेश कर दस दिन की रिमांड पर लिया गया है। 


उल्लेखनीय है कि अगस्त महीने बागडोगरा थाना अंतर्गत एक बैंक के एटीएम में एक व्यक्ति को सहायता के नाम पर लाखों रुपये का चूना लगा दिया गया था। जिसकी शिकायत बागडोगरा थाने में दर्ज होने के बाद जांच शुरू किया गया। गैंग को पकड़ने के लिए बागडोगरा थाना की पुलिस बिहार के नवादा और गया में रेड किया था। लेकिन पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा था। इसके बाद मंगलवार को बागडोगरा थाना की पुलिस और एसओजी ने मोबाइल टावर लोकेशन की सहायता से इस गैंग तक पहुंची और गैंग के चार सदस्य को एनजेपी थाना अंतर्गत भक्ति नगर कॉलोनी से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार सदस्यों के नाम गोपाल कुमार (32),रिचू कुमार (24), चंदन कुमार (18) और धनंजय कुमार (28) को गिरफ्तार किया। इधर, चारों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि गैंग का मुखिया गोपाल कुमार है। वहीं पूरा प्लान तैयार करता था। सिर्फ यही नहीं गोपाल ने एटीएम फ्रॉड करने के लिए अपने तीन साथियों को बकायदा ट्रेनिंग भी दी है। 

पुलिस के अनुसार गोपाल कुमार का गैंग शहर से दूर ग्रामीण इलाके में सुनसान एटीएम को खोजते थे। इसके बाद एटीएम के बाहर ये लोग खड़े होकर अपने शिकार इंतजार करता था। फिर जब कोई एटीएम से रूपये निकालने के दौरान समस्या में फंस जाता तो ये चारों उसकी मदद के नाम पर चूना लगा देता था। घटना को अंजाम देने के बाद वापस बिहार में जाकर छिप जाते थे। 


अगस्त महीने में घटना को अंजाम देने के बाद भी यह गैंग बिहार में छिप गये थे। जिसकी तलाश में बागडोगरा थाना की पुलिस बिहार भी गई थी, लेकिन वहां पर कोई सफलता नहीं मिली थी। हालांकि सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने करीब 5 महीने बाद इस गैंग को पकड़ लिया।

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