सिलीगुड़ी, 3 नवंबर (नि.सं.)। उत्तर बंगाल क्षत्रिय बैंक में हुए घोटाला कांड में 27 वर्ष बाद सीबीआई कोर्ट का फैसला आ गया है। आज सिलीगुड़ी सीबीआई कोर्ट के न्यायाधीश मानवेंद्र मोहन सरकार ने बैंक के सीनियर क्लर्क तथा कैशियर को दोषी करार देते हुए अपना फैसला सुनाया। चार वर्ष का सश्रम कारावास और 70 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
बताया जा रहा है कि वर्ष 1995 में उत्तर बंगाल क्षेत्रीय बैंक के सुकना ब्रांच में करीब 10 से 15 लोगों के नाम का इस्तेमाल करके फर्जी तरीके से 75 हजार रुपये घोटाले का मामला सामने आया था। जिसके बाद बैंक प्रबंधन ने इस मामले को सीबीआई के पास लेकर पहुंची।सीबीआई ने इस घोटाले की जांच में बैंक के सीनियर क्लर्क और कैशियर सुभाष चंद्र राय का हाथ पाया। इसके बाद सीबीआई ने इस मामले में सुभाष चंद्र राय और बैंक के सुरक्षा कर्मी को गिरफ्तार किया। इसके बाद वर्ष 2009 से सिलीगुड़ी सीबीआई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई (ट्रायल) शुरू हुई।
ट्रायल के दौरान खुलासा हुआ कि बैंक के सीनियर क्लर्क तथा कैशियर सुभाष चंद्र राय ने फर्जी लोगों के नाम पर लगभग 25 जॉली ट्रांजेक्शन करके 75 हजार रुपये घोटाला किया। सुनवाई के दौरान सुभाष चंद्र राय के ऊपर लगे आरोप साबित हुआ। इसके बाद आज सिलीगुड़ी सीबीआई कोर्ट ने बैंक के सीनियर क्लर्क जुर्माने कैशियर को दोषी करार देते हुए चार वर्ष का सश्रम कारावास और 70 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। हालांकि कोर्ट ने बैंक के सुरक्षाकर्मियों को बरी कर दिया।
सीबीआई कोर्ट के सरकारी पक्षों से मिली जानकारी के अनुसार सुभाष चंद्र राय ने इस घोटाले में एक मृतक चाय श्रमिक के नाम का भी इस्तेमाल करके रुपया निकाला था ।इधर, बचाव पक्ष के वकील असीम चक्रवर्ती से फोन पर बात करने पर उन्होंने बताया कि वह इस फैसले से नाखुश है। इस लिये वह इस मामलों को लेकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।