सिलीगुड़ी, 4 मार्च (नि.सं.)। ब्राजील में होने वाले पैरालंपिक में इस बार सिलीगुड़ी के दो दिव्यांग शरण दास और प्रियम चटर्जी हिस्सा ले रहे है। दोनों ने बंग रत्न और पूर्व टेबल टेनिस खिलाड़ी भारती घोष से ट्रेनिंग ली है। इधर, कोच भारती घोष को उम्मीद है कि उनके ये दो शिष्य ब्राजील पैरालंपिक में पकद लाकर भारत के साथ सिलीगुड़ी का नाम रोशन करेंगे।
इधर, पैरालंपिक के लिए ब्राजील जाने से पहले आज सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा ने प्रियम चटर्जी और शरण दास को पुलिस कमिश्नरेट में बुलाकर सम्मानित किया। साथ ही दोनों की सफलता की कामना भी किया।
वहीं, कोच भारती घोष ने कहा कि यह दोनों ना तो सुन सकते हैं और ना ही बोल सकते है। दोनों ब्राजील में होने वाले पैरालंपिक टेबल टेनिस स्पर्धा में भारत का नेतृत्व करेंगे। जो सिलीगुड़ी के लिए बहुत बड़ी है। लेकिन दुख की बात यह है कि सिलीगुड़ी के लिए गर्व की बात होने के बावजूद भी इन दिव्यांग बच्चों को सम्मानित और इनके पास खड़े रहने के लिए समाज का कोई वर्ग सामने नहीं आया था।
सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा पहले वह व्यक्ति है। जिन्होंने इस खबर को सुनकर काफी खुश हुए और उनके दोनों छात्रों को सम्मानित और हौसला बढ़ाया। जिसके लिए वे पुलिस कमिश्नर का आभार प्रकट करता है। वहीं, प्रियम चटर्जी की मां और शरण दास के पिता ने कहा कि उनके बच्चे किसी से कम नहीं है। जिस वजह से उनके बच्चे ब्राजील पैरालंपिक में अपने देश इंडिया के तरफ से खेलेंगे। यह काफी गर्व की बात है।
लेकिन दुख की बात है कि इतनी बड़ी उपलब्धि पाने के बाद भी समाज के किसी वर्ग के लोग हौसला बढ़ाने के लिए सामने नहीं आया। वहीं, प्रियम की मां और शरण के पिता ने कोच भारती घोष को तहे दिल से धन्यवाद दिया। उल्लेखनीय है कि आगामी 25 तारीख को पैरालंपिक में शामिल होने से पहले प्रियम और शरण को दिल्ली ले जाया जाएगा। वहां पर एक महीने की उन दोनों को ट्रेनिंग दी जाएगी। उसके बाद यह दोनों ब्राजील में पैरालंपिक खेलने के लिए जाएंगे।