सिलीगुड़ी, 7 मार्च (नि.सं.)।सिलीगुड़ी के वर्दमान रोड स्थित विद्यासागर प्राइमरी सरकारी स्कूल में शिक्षकों का एक अलग ही रूप देखने को मिला।स्कूल छात्रों को अपना बच्चा समझकर स्कूल में देख भाल की जा रही है।
दरअसल वर्तमान समय में नोवोल कोरोना वायरस को लेकर पूरे शहर में डर का माहौल देखा जा रहा है।स्वास्थ्य विभाग द्वारा वार्डों और सीमांत इलाकों जागरूकता अभियान चलाने को कहा है। लेकिन स्कूलों में अब तक कोरोना को लेकर किसी प्रकार का निर्देश नहीं दिया गया है। इस वजह से स्कूलों में कोई जागरूकता कार्यक्रम नहीं किया जा रहा है। दूसरी तरफ सिलीगुड़ी के ही एक प्राइमरी स्कूल में अलग ही नजारा देखने को मिला।
वर्दमान रोड स्थित विद्यासागर प्राइमरी स्कूल के प्रधान शिक्षक और शिक्षिकाओं की सहयोगिता से स्कूली छात्राओं को अपना बच्चा समझ कर कोरोना वायरस से बचाने के लिए हर संभव कमद उठाई जा रही है।विद्यासागर स्कूल के शिक्षक टिफिन के समय छोटे बच्चों को खुद अपनी देख रेख में हाथ धुलवाते है। इसके बाद अपनी निगरानी में खाना खिलाते है। स्कूल में खाना बनाने वाली महिलाओं को मुंह में मास्क,हाथ में ग्लव् ,और विशेष ड्रेस दिया गया है।
नगर निगम की तरफ से इस सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए मिड डे मील बनाने वाली महिलाओं को विशेष ड्रेस दिया जाता है। लेकिन ना के बराबर ही खाना बनाने वाली महिलाओं को यह ड्रेस व्यवहार करते हुए देखा जाता है। लेकिन विद्यासागर स्कूल में बच्चों के सेहत के खातीर मिड डे मील बनाने वाली महिलाओं काफी सतर्कता बरत रही है।
स्कूल के प्रधान शिक्षक सुदीप्तो चक्रवर्ती ने बताया कि शिक्षा विभाग की तरफ से अब तक कोई निर्देश नहीं मिला है। इसलिए वर्तमान समय में कोरोना वायरस की प्रकोप को देखते हुए वे लोग पहले से ही अपने दम पर बच्चों को वायरस से बचाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चला रहे है।
स्कूल में मिड डे मी बनाने वाली एक महिला ने बताया कि स्कूल के छात्रों को अपना बच्चा समझकर देख भाल करते है। इसिलए पूरे सतर्कता के साथ वे लोग खाना बनाने का काम करती है।