राजगंज,23 दिसंबर (नि.सं.)। दुनियाभर के लोग हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाते हैं। ये ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार है। इसी दिन ईसा मसीह (जीसस क्राइस्ट) का जन्म हुआ था, इसलिए इसे बड़ा दिन भी कहा जाता है। इस दिन के लिए चर्च को खासतौर से सजाया जाता है।
क्रिसमस के पहले वाली रात में गिरजाघरों में प्रार्थना सभा की जाती है, जो रात के 12 बजे तक चलती है। इसी क्रम में राजगंज स्थित शांति रानी चर्च को भी सजाया जा रहा है। शनिवार को क्रिसमस है। इस लिये राजगंज के मगरडांगी इलाके के शांति रानी चर्च में तैयारियां जोरों पर हैं। 24 दिसंबर की शाम को मोमबत्तियां जलाकर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। रात में चर्च में विशेष पूजा अर्चना की जाती है। 25 दिसंबर की सुबह भी लोग चर्च में आकर प्रार्थना करते है।
इस चर्च में राजगंज ब्लॉक के विभिन्न चाय बागानों और आदिवासी इलाकों से काफी संख्या में लोग आते हैं। चर्च के फादर ने कहा कि पिछले दो साल से क्रिसमस ज्यादा धूमधाम से नहीं मनाया गया। लेकिन इस साल कुछ हद तक स्थिति सामान्य होने पर पूरे चर्च को सजाया गया है।