सिलीगुड़ी, 3 दिसंबर (नि.सं.)।एक तो कोरोना के नियमों और दूसरी तरफ मौसम की मार के चलते नैफ के सदस्यों को पर्वत बिना फतेह किये ही वापस लौटन पड़ा है। देवाशीष विश्वास और उनके तीन साथी लक्ष्य तक पहुंचते-पहुंचते रह गये है।
देवाशीष विश्वास एक कुशल पर्वतारोही के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने दुनिया की सबसे उची पर्वत माउंट एवरेस्ट के साथ ही अन्य कई पर्वत पर फतेह हासिल किया है। इस बार उन्होंनें सर्दियों के मौसम में पर्वत फतेह करने के बारे में सोचा। वहीं नवंबर महीने में नेपाल के आमा डाबलाम पर्वत पर विजय हासिल करने के लक्ष्य से देवाशीष विश्वास, मलय मुखर्जी, सत्यरूप सिद्धांत और सिलीगुड़ी के सूर्य चौधरी रवाना हुए। आमा डाबलाम ऊंचाई 6,812 मिटर है।
लेकिन इस बिच उन्हें कोरोना को देखते हुए सुरक्षा नियमों का पालन करना पड़ा। जिसके चलते पहाड़ अभियान देर से शुरू हुई। लेकिन कोरोना के नियमों और मौसम की मार के चलते उन्हें अपना अभियान बीच में ही छोड़ न पड़ा।
उनका कहना है कि भविष्य में वे इस चुनौती अवश्य पार करेंगे। इसके साथ आज सिलीगुड़ी में नैफ के कार्यालय में एक पत्रकार सम्मेलन के माद्यम से इन चार पर्वतारोहियों ने आमा डाबलाम चोटी का एक छोटा सा टूटा पत्थर नैफ के सदस्यों के हाथों में सौंपा।