सिलीगुड़ी, 25 मई (नि.सं.)। सिलीगुड़ी हकीमपाड़ा के निवासी अरुणाभ पाल चौधरी को दिव्यांग होने के बावजूद भी ट्रेन से कोलकाता से सिलीगुड़ी आने के दौरान अत्यधिक परेशानी का शिकार होना पड़ा।
बताया गया है कि शुक्रवार रात को अरुणाभ पाल चौधरी सियालदा हल्दीबाड़ी जाने वाली दार्जिलिंग ट्रेन में सवार हुए थे। कथित तौर पर कुछ लोग खुद को जीआरपी पुलिस बताकर ट्रेन में सफर कर रहे थे। इसके बाद रात होते ही ट्रेन का कमरे शराब का अड्डा बन गया। वहां इसका प्रतिवाद करने पर कुछ लोगों ने अरुणाभ पाल चौधरी को ट्रेन से फेंकने की चेतावनी दी। आरोप है कि उनकी सीट पर भी कब्जा कर उन्हें नीचे बैठा दिया गया। इतना ही नहीं उसके पास मौजूद सामानों को फेंक दिया गया।ट्रेन शनिवार सुबह न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पहुंची तो कुछ लोग कोच से उतरते पर उनसे पूछताछ की गई तो वे कैमरा छिन लिया। कुछ तो भाग गए। इसके अलावा कुछ लोगों ने कहा कि हमारे पास जनरल टिकट हैं। हम उस कोच में चढ़ गये क्योंकि पीछे भीड़ थी। वे बिना अपनी पहचान बताए भागते नजर आ रहे हैं।
वहीं, अरुणाभ पाल चौधरी आरपीएफ और जीआरपी अधिकारियों से एक लिखित रूप से शिकायत करने पहुंचे। लेकिन उनका शिकायत नहीं ली गई। ट्रेन में सफर कर रहे अन्य यात्रियों ने घटना की निंदा की। यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे है। अरुणाभ पाल चौधरी ने कहा कि दिव्यांग बोगी में कई लोग बिना टिकट के सवार हुए थे। उन्हें ट्रेन से फेंक देने की धमकी भी दी गई। यहां तक की बैठने के लिए सीट भी नहीं दिया गया।