सिलीगुड़ी, 3 सितंबर (नि.सं.)। एक के बाद एक सफलता मिल रही है। हालांकि, सरकार की ओर से मूक और बधिर विकलांग टेबल टेनिस खिलाड़ियों को कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। टेबल टेनिस स्टार और बंगारत्न भारती घोष ने आज एक पत्रकार सम्मेलन कर ऐेसी ही जानकारी दी है।
सिलीगुड़ी को टेबल टेनिस का प्राणकेंद्र कहा जाता है। सौमजीत, अंकिता जैसे खिलाड़ियों ने कॉमनवेल्थ, ओलंपिक जैसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सिलीगुड़ी से टेबल टेनिस में भाग लिया है। पिछले महीने 28 अगस्त को पश्चिम बंगाल टेबल टेनिस चैंपियनशिप ऑफ द डेफ प्रतियोगिता में पांच दिव्यांग खिलाड़ियों ने भाग लिया और पदक जीते। लेकिन उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए कोई आगे नहीं आया। भारती घोष और फिजिकल ट्रेनर देव कुमार दे ने विभिन्न बाधाओं के बावजूद सभी खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करते है।
भारती घोष और देव कुमार दे ने आज टेबल टेनिस प्रतियोगिता में विभिन्न श्रेणियों में सफल खिलाड़ियों को सम्मानित किया। भारती घोष ने कहा कि सिलीगुड़ी के कई खिलाड़ी विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पदक जीतकर ला रहे हैं। लेकिन उन्हें कोई प्रोत्साहित नहीं कर रहा है। इतना ही नहीं सरकार की ओर से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। कुछ दिन पहले बधिरों के लिए राज्य स्तरीय टेबल टेनिस प्रतियोगिता में विभिन्न श्रेणियों में प्रतियोगी सफल हुए हैं। आरोप है कि वे हमेशा वंचित रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार या लोग दिव्यांग खिलाड़ियों पर ध्यान नहीं देंगे तो विकास संभव नहीं है। इसलिए उन्होंने सभी से सहयोग का हाथ बढ़ाने की अपील की। सिलीगुड़ी तथा भारत से हर साल अच्छे खिलाड़ी उभर कर आते है, लेकिन केवल दिव्याग होने के कारण उन्हें उचित लाभ या पदोन्नति नहीं मिल रही है।