राजगंज, 29 मई (नि.सं.)। गांव की लड़कियों को फुटबॉल में प्रशिक्षित करने के लिए निःशुल्क कोचिंग सेंटर शुरू किए गए हैं। राजगंज के साहुडांगी के पघालूपाड़ा में उक्त कोचिंग सेंटर शुरू किया गया है। इस कोचिंग सेंटर में इलाके की लड़कियां प्रशिक्षण ले रही हैं।
साहुडांगी इलाके में लंबे समय से लड़कों के लिए फुटबॉल कोचिंग सेंटर है, लेकिन इस बार महिलाओं के लिए पहला कोचिंग सेंटर शुरू किया गया है। विभिन्न खेलों की दुनिया में उत्तर बंगाल की लड़कियां भी पीछे नहीं हैं।
उत्तर बंगाल की गोल्ड मेडल जीतने वालीं ऐथलीट स्वप्ना बर्मन से शुरू लेकर अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल रेफरी कनिका बर्मन का नाम आज खेल की दुनिया में प्रसिद्ध हैं। इसलिए स्थानीय समाजसेवी रवींद्रनाथ राय ने दो फुटबॉल कोच स्वप्न कुमार दे और कमलेश भट्टाचार्य से संपर्क किया। उनके सहयोग से साहुडांगी इलाके में पहली बार महिलाओं के लिए फुटबॉल कोचिंग सेंटर शुरू किया गया है। इलाके की 25 से अधिक लड़कियां नियमों का पालन करते हुए मैदान में आने लगी हैं।
कोच स्वप्न कुमार दे ने कहा कि यह पहली बार इस इलाके में लड़कियों की फुटबॉल कोचिंग शुरू की गई है। अभी इस कोचिंग में करीब 25 लड़कियां आ रही हैं।लड़कियों के माता-पिता साथ दें तो हमारा काम थोड़ा आसान हो जायेगा। लेकिन हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस कोचिंग सेंटर से अच्छी महिला खिलाड़ी तैयार होंगी।
महिला फुटबॉल कोचिंग सेंटर के संस्थापक रवींद्रनाथ राय ने कहा कि हमारे गांव की लड़कियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन उचित प्रशिक्षण और सुविधाओं के अभाव में फुटबॉल नहीं खेल पाती है। यह कोचिंग सेंटर इसलिए खोला गया है ताकि गांव की लड़कियां फुटबॉल खेल सकें। इलाके के खेल प्रेमियों को भी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस फुटबॉल कोचिंग सेंटर से प्रतिभाशाली महिला फुटबॉल खिलाड़ी निकलेगी।