अलीपुरद्वार, 11 जुलाई (नि.सं.)। अलीपुरद्वार 2 नंबर ब्लाॅक के यशोडांगा इलाके में बमनी नदी पर पुल नहीं हैं। इसलिए लोगों को जान जोखिम में डाल कर थर्मोकोल के सहारे लोग नदी पार करते है। इस नदी से रोजाना डेढ़ हजार से अधिक निवासी आवागमन करते है।
बताया गया है कि बामनी नदी के एक छोर पर यशोडांगा और दूसरे छोर पर पुकुरिया गांव है। दोनों गांवों के बीच से बामनी नदी बहती है। दोनों गांवों के लोग थर्मोकोल के सहारे नदी पार करते हैं। इलाके के निवासियों ने कहा कि थर्मोकोल की नाव के सहारे रोजाना करीब डेढ़ हजार लोग बामनी नदी को पार करते हैं। इस नदी को पार करने का कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
आरोप है कि प्रशासन की ओर से आज तक इस इलाके में पुल बनाने की कोई पहल नहीं की है। इतना ही नहीं नदी को पार करने के लिये नाव की भी व्यवस्था नहीं की गई है। वहीं, पुकुरिया गांव के लोगों को इस थर्मोकोल के सहारे ब्लाॅक ऑफिस, स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल जाने के लिए बामनी नदी को पार कर यशोडांगा जाना पड़ता है।
बारिश के दौरान बामनी नदी का जलस्तर बढ़ जाता है। इसके बावजूद जान जोखिम में डालकर थर्मोकोल के सहारे निवासियों को नदी पार करनी पड़ती है।