सिलीगुड़ी, 6 दिसंबर (नि.सं)। फोर लेन एलिवेटेड सड़क निर्माण कार्य को लेकर सिलीगुड़ी नगर निगम के 45 नंबर वार्ड के पीडब्ल्यूडी लेन में रहने वाले 31 परिवार का आशियाना छिन गया है। लेकिन इन परिवार को अब तक सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव से आश्वासन और कागज मिलने के बाद भी पुर्नवासन के लिए कोई स्थाई ठिकाना नहीं मिला है।
आज घर तोड़ने पहुंची पीडब्ल्यूडी के साथ एक बार फिर से यहां रहने वाले लोगों के बीच विवाद हो गया। जिसके चलते माहौल काफी गर्म हो गया। स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि उन लोगों को अस्थाई रूप से कही और जाने के लिए कहां जा रहा है। उनके साथ धोखा हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक स्थाई पुनर्वास की व्यवस्था नहीं होगी। तब तक वो यह जगह खाली नहीं करेंगे। आखिरकार स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन के बाद पीडब्ल्यूडी को वापस जेसीबी लेकर लौटना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि बलासन से बंगाल सफारी आर्मी कैंटोनमेंट तक फोर लेन एलिवेटेड सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है। इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए चंपासारी सर्किट हाउस के पास नगर निगम के 45 नंबर वार्ड स्थित पीडब्ल्यूडी लेन पर रहने वाले 31 परिवार को वहां से हटना परेगा। बताया गया है कि यह परिवार करीब 40 वर्षो से यहां रह रहे है। नगर निगम को टैक्स, बिजली बिल सब कुछ देते है। इधर, आशियाना खोने की खबर से इस पीडब्ल्यूडी लेन में रहने वाले एक व्यक्ति ने कुछ महीने पहले महानंदा नदी में कूद कर अपनी जान दे दी थी।जिसके बाद मेयर गौतम देव ने आश्वासन देते हुए स्थाई पुनर्वास के लिए नगर निगम में बुलाकर इन परिवारों को कागज भी दिए थे। लेकिन बाद में 31 परिवार को दिए हुए कागज वापस ले लिये गये। गौरतलब है कि पीडब्ल्यूडी सड़क निर्माण कार्य को रफ्तार देने के लिए इन घरों को जल्द से जल्द तोड़ने की तैयारी में है। लेकिन बिना स्थायी पुर्नवासन के यह परिवार यहां से हटने को राजी नही है।
