सिलीगुड़ी, 31 अगस्त (नि.सं.)। एक वर्षीय शिवम को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। शिवम के दिल में छेद हो गया था। चिकित्सकों ने कहा कि अगर सर्जरी नहीं की गई तो उसकी मौत हो सकती है। लेकिन दशरथपल्ली वेलफेयर फाउंडेशन की मदद से शिवम इलाज कराकर घर लौट आया। शिवम के पिता जयंत बर्मन बालुरघाट के रहने वाले हैं। लेकिन फिलहाल वह अपने परिवार के साथ सिलीगुड़ी में किराए के मकान में रहते है और कपड़े की दुकान में काम कर अपना गुजारा करता है। ऐसे में शिवम के इलाज के लिए पैसे का जुगाड़ कर पाना संभव नहीं था।
उनकी समस्या को सुनकर दशरथपल्ली वेलफेयर फाउंडेशन के सदस्य उनके बच्चे के मदद हेतु आगे आए। इसके बाद उन्होंने बालुरघाट जाकर परिवार का स्वास्थ्य कार्ड बनवाया और शिवम के दुर्गापुर में इलाज का सारा खर्चा उठाया। संगठन के अध्यक्ष उत्तम भौमिक ने कहा कि छोटे बच्चे की ऐसी स्थिति देखकर हम आगे आए हैं। हम मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हैं।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य साथी कार्ड के कारण शिवम का इलाज कम खर्च में हो गया है। शिवम की मां ने कहा कि उनके बेटे के बीमार होने के बाद कई नेताओं ने दरवाजा खटखटाया है। लेकिन कोई उनकी मदद करने के लिये आगे नहीं आया। इलाके के स्वयंसेवी संस्था आगे नहीं आया होता तो मैं अपने बेटे को खो देती। उन्होंने इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।