पिछले साल की तरह इस बार भी पूजा मंडप में ‘नो एंट्री’ है। यह आदेश कोलकाता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने दिया है। अदालत में जनहित याचिका दायर कर मांग की गई कि कोरोना संक्रमण के चलते पूजा मंडपों में निर्देशों का का उल्लंघन न हो। उसी दिन कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि पिछली बार की तरह कोई भी मंडप में प्रवेश नहीं कर सकता है।
राज्य ने भी कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। यह निषेध दुर्गा पूजा के मंडपों के साथ-साथ कालीपूजा में भी लागू रहेगा। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर कोलकाता हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। ऐसा कहा जाता है कि दुर्गोत्सव के दौरान हजारों लोग पूजा मंडप में आते हैं। जो इस समय लोगों के लिए बेहद खतरनाक है। इसलिए कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पिछले साल की तरह इस पूजा में किसी को भी मंडप में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
इस बीच कोरोना की स्थिति के कारण राज्य में कोराना पाबंदियों को 30 अक्टूबर तक बढ़ाया गया है। हालांकि, पूजा के दिनों में नाइट कर्फ्यू नहीं होगा।इससे दर्शनार्थी रात में भी मूर्तियां का दर्शन कर सकते हैं।