सिलीगुड़ी, 4 जून (नि.सं.)। कल जमाई षष्ठी है। बंगाल के पारंपरिक त्योहार जमाई षष्ठी को मनाने के लिए लोगों ने अपने-अपने स्तर पर अपने-अपने घरों में जोरशोर से तैयारियां शुरू कर दी है। ससुरालवाले अपने जमाई का आदर-सत्कार करने के लिए तौयारियां कर रहे है। वैसे तो हमेशा ही जमाई का सम्मान ससुराल में होता है, पर जमाई षष्ठी पर उनकी आवभगत ज्यादा होती है। एक तरह से यह दिन पूरी तरह से जमाइयों के लिए ही होता है। इस दिन ससुरालवाले तरह-तरह के व्यंजन अपने जमाई को खिलाते हैं।
वहीं, जमाई षष्ठी से पहले बाजार में आग के भाव मछली-मांस से लेकर फल-सब्जी बिक कर है। सामनों की कीमत चाहे जो भी हो, नियमों का पालन तो करना ही पड़ेगा। इस लिये शहर के बाजारों में दामाद और ससुर बैग लेकर पहुंच गये है। बाजार में पहुंचने के बाद लोग सामानों के दाम सुनकर हैरान हो रहे है। फल-सब्जी से लेकर मछली-मांस तक हर चीज के दाम आसमान छू रहे हैं। हिलसा मछली एक हजार रुपये से 1800 रुपये तक बिक रही है। यही हाल फल बाजार का है।
खरीदारी के लिए पहुंचे दामाद और ससुर ने कहा कि एक दिन पहले आये है कि सामानों की कीमत थोड़ी कम होगी, लेकिन कीमत में कोई अंतर नहीं है। वहीं, विक्रेताओं का कहना है कि शनिवार और रविवार को हिलसा के भाव में कोई बदलाव नहीं होता है। जमाई षष्ठी में अन्य बार की तरह इस बार भी भीड़ बढ़ेगी।