करतोया नदी के गर्भ में चाय बागान की जमीन समाने का डर, बागान मालिक के साथ-साथ श्रमिकों की बढ़ी चिंता

राजगंज, 25 अप्रैल (नि.सं.)। राजगंज के आमबाड़ी इलाके में करतोया नदी के गर्भ मेें चाय बागान की जमीन समाते जा रही है। पिछले कुछ सालों में कई बीघा जमीन नदी के गर्भ मेें समा गई है। नदी के कटाव से सिर्फ चाय बागान मालिक क्षतिग्रस्त नहीं होंगे बल्कि श्रमिकों को अपनी काम जाने का डर भी सता रहा है।


राजगंज के बिन्नागुड़ी ग्राम पंचायत अंतर्गत आमबाड़ी स्थित 9 नंबर कॉलोनी के चाय बागान के मालिक विश्वजीत दास ने कहा कि लगभग तीन बीघा चाय बागान की जमीन करतोया नदी के गर्भ में समा गई है। अन्य चाय बागानों के भी यही स्थिति है।

पिछले कुछ वर्षों में नदी के कटाव से इलाके के लोगों के करीब 10 बीघा जमीन खत्म हो गई है। इससे न केवल किसानों को नुकसान हुआ हो रहा बल्कि श्रमिकों की नौकरी जाने का भी डर पैदा हो गया है। यदि नदी का कटाव जल्द से जल्द नहीं रोका गया तो नदी में अधिक कृषि योग्य भूमि समाप्त हो जाएगी। चाय बागान के श्रमिकों का कहना है कि हर साल बारिश के मौसम में चाय बागान की जमीन नदी के गर्भ मेें समा जाती है।


अगर ये ऐसे ही जारी रहा तो भविष्य में हमें नौकरी मिलेगी नहीं। इस संबंध में राजगंज पंचायत समिति की सदस्य गीता राय ने कहा कि स्थानीय लोगों ने नदी के कटाव की जानकारी दी है। इसकी जानकारी उच्च अधिकारी को दी जायेगी।

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