राजगंज,7 अक्टूबर (नि.सं.)। बांग्ला में एक बहुत पुरानी कहावत है “कारो पौष मास तो कारो सर्वनाश” यानी किसी के लिए खुशी का मौका है तो किसी के लिए बर्बादी का। गाजोलडोबा तीस्ता बैरज तट के निवासियों पर यह कहावत एकदम सटीक बैठती है। क्योंकि तीस्ता में बहे सामान लेेने के लिए गाजोलडोबा तीस्ता बैरज में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है।
ज्ञात हो कि सिक्किम की तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ से हुई तबाही ने लोगों के सामने बड़ी आपदा खड़ी कर दी है। तीस्ता में आई बाढ़ कारण सिक्किम, कलिम्पोंग में हजारों लोगों ने अपना सब कुछ खो दिया है। कईयों ने अपने प्रियजनों को भी खोया है। कई लोग अभी भी लापता हैं। तीस्ता में सैकड़ों घर बह गए है। गाजोलडोबा तीस्ता बैराज में भी काफी मात्रा में लकड़ियां बह कर आई है। नदी का पानी कम होते ही तीस्ता तट के निवासियों में लकड़ियां इकट्ठा करने होड़ उठ गई। तीस्ता के पानी में वाहन और फर्नीचर के साथ-साथ कई बड़े पेड़ भी बह कर आ रहे हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार मंगलवार रात को पहाड़ों में हुई बारिश के कारण तीस्ता नदी उफना गयी थी। उस पानी में बहुत सारी लकड़ियां बह कर आई है। कई लोग इन लकड़ियों को इकट्ठा कर घर ले जा रहे हैं। कई घरों में गैस नहीं है। इस लिए वे उक्त लकड़ियों को खाना बनाने के लिए आ रहे हैं।वहीं, सेना का गोला-बारूद और हथियार तीस्ता में बह कर आ रहे हैं। अगर ये कहीं भी मिलते हैं तो पुलिस प्रशासन द्वारा इन्हें पकड़ने से मना किया गया है। मामले की सूचना पुलिस को देेने के लिए कहा गया है।