सिलीगुड़ी, 30 जून (नि.सं.)। राज्य के प्रत्येक नगर पालिका और नगर निगम में कोरोना की स्थिति से निपटने के लिए पूर्व पार्षदों को को-ऑडिनेटर के रूप में नियुक्त करने के लिए निर्देशिका जारी करने के बावजूद भी सिलीगुड़ी नगर निगम में अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है।
आज सिलीगुड़ी के पूर्व विधायक अशोक भट्टाचार्य ने दार्जिलिंग जिला माकपा पार्टी कार्यालय अनिल विश्वास भवन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए ऐसा ही आरोप लगाया है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार और सिलीगुड़ी नगर निगम के प्रशासक बोर्ड कोरोना की स्थिति से निपटने में पूरी तरह विफल रहा है। फिलहाल अशोक भट्टाचार्य ने कई आरोपों को लेकर राज्य के शहरी और शहरी विकास मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य को पत्र भी भेजा है। अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि नगर निगम के प्रशासक बोर्ड ने हाल ही में एक बायो-माइनिंग परियोजना शुरू की है।
मैंने वामपंथी नेतृत्व वाले नगरबोर्ड के दौरान केंद्र सरकार के वित्तीय अनुदान से इस परियोजना को शुरू किया था। हालांकि, वर्तमान प्रशासन बोर्ड अभी तक कोई एक नई परियोजना के लिए राज्य सरकार से मंजूरी या नई परियोजना के लिए वित्तीय अनुदान नहीं ले पाया है। उन्होंने आगे कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद राज्य सरकार की ओर से सभी निगमों और नगर पालिकाओं में पार्षदों को को-ऑडिनेटर के रूप में नियुक्त करने के लिए निर्देशिका जारी किए गये थे। लेकिन सिलीगुड़ी नगर निगम में अभी तक इसे लागू नहीं किया है।
अशोक भट्टाचार्य की टिप्पणी के बाद रंजन सरकार ने कहा कि वह इतने सालों से कह रहे हैं कि उन्हें एक भी रूपया नहीं मिला है। केवल वह ही बता पाएगा कि उन्होंने किसी परियोजना का उद्घाटन किया है या नहीं। राज्य सरकार ने जैसे सिलीगुड़ी नगर निगम का काम तय किया है। उसी के मद्देनजर बोर्ड चल रहा है। लोग उन्हें भूल रहे है। इसलिए अब वह खबरों के जरिए लोगों के सामने रहना चाहते हैं।