सिलीगुड़ी, 22 अप्रैल (नि.सं.)। क्या सिलीगुड़ी के रेगुलेटेड मार्केट में भी सिडिकेंट राज चल रहा है? आरोप है कि मार्केट में जिसकी सत्ता रहेगी, उसी का मजदूर मार्केट में काम कर पाएगा। जिसे लेकर रेगुलेटेड मार्केट के मजदूर से लेकर व्यवसायी परेशान है।जानकारी के अनुसार रेगुलेटेड मार्केट में आईएनटीटीयूसी श्रमिक संगठन की कमिटी को लेकर लंबे समय से समस्या चल रही है।
आरोप है कि सत्ता पाने के लिए तृणमूल श्रमिक संगठन के दो गुट हो गये है। वहीं, गुट के नेता श्याम यादव और उमाशंकर यादव खुद को आईएनटीटीयूसी संगठन का सेक्रेटरी बताते है। अब सवाल यह उठता है कि क्या मार्केट में दो गुटों द्वारा दवदबा बनाने के चक्कर में मजदूर पिस रहे है? बताया गया है कि यह दोनों गुट जब चाहते है तब गद्दी से एक दुसरे गुट के मजदूर को काम से निकाल देते है और अपना मजदूर को काम पर लगाते है। जिसके चलते मजदूर ठीक तरह से काम नही कर पा रहे है।आईएनटीटीयूसी श्रमिक संगठन के सेक्रेटरी उमाशंकर यादव ने बताया कि कुछ वर्षों पहले उन्होंने मार्केट के फल गद्दी में 6 मजदूरों को काम पर लगया था। उन्हें आईएनटीटीयूसी श्रमिक संगठन का सिलिप भी दिया गया।
लेकिन आरोप है कि आईएनटीटीयूसी श्रमिक संगठन के श्याम यादव के गुट ने उन 6 पुराने मजदूरों को हटाकर अपने मजदूरों को काम पर रख लिया है। जिसके प्रतिवाद में उमाशंकर गुट द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया है। उमाशंकर यादव का कहना है कि वह चुनाव में जीत कर रेगुलेटेड मार्केट के सेक्रेटरी बने है। उनका आरोप है कि श्याम यादव बिना किसी पद पर होकर भी खुद को सेक्रेटरी बताते है। उन्होंने कहा कि प्रशासन से लेकर संगठन के नेतृत्व को इस विषय की जानकारी दी गई है। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। जिसके बाद अब उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सोमवार तक इस समस्या का समाधान नही हुआ तो वे अपने समस्त मजदूरों को लेकर आंदोलन करेंगे।
दूसरी तरफ, इस विषय पर श्याम यादव गुट से कई बार संपर्क करने के साथ की उनकी प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गयी। लेकिन उनके तरफ से कुछ भी कहने से इनकार कर दिया गया। इधर, इस विषय पर गद्दी के मालिक ने कहा कि गुट बाजी के चक्कर में सभी को परेशानी हो रही है। एक पद पर दो लोग खुद को सेक्रेटरी बताते है। इसलिए सच सामने लाने के लिए अब पुलिस प्रशासन को हस्तक्षेप करना होगा।
