लिंग जांच और गर्भपात करने पर सजा के साथ ही रद्द हो सकती है चिकित्सकों का लाइसेंस

सिलीगुड़ी, 25 जून (नि.सं.)। सिलीगुड़ी में लिंग जांच और गर्भपात जैसे मामले बढ़ रहे है। इसे लेकर ना तो प्रशासन और ना ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की नजर है। सिलीगुड़ी के कुछ अस्पतालों में प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर गर्भपात का कारोबार खुलेआम चल रहा है।मोटी रकम लेकर चिकित्सक गर्भ में पल रहे नवजात शिशु का लिंग भी बता देते है और जरूरत पड़ने पर उसका गर्भपात भी कर देते है।


गौरतलब है कि सिलीगुड़ी नगर निगम के एक नंबर वार्ड में एक 14 वर्षीय नाबालिका के साथ बलात्कार ओर उसका जबरन गर्भपात कराया गया था। इस मामले में पुलिस ने नाबालिका की मां, बड़े भाई, मकान मालिक और उसकी पत्नी के साथ ही पड़ोस के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। जांच को आगे बढ़ाते हुए महिला पुलिस की टीम ने नाबालिका की गर्भपात करने वाली महिला डॉक्टर श्रेया रॉय को भी बाद में गिरफ्तार कर लिया था। वह सिलिगुड़ी महकमा के अंतर्गत माटीगाड़ा के एक सरकारी ग्रामीण अस्पताल में जीडीएमओ के पद पर कार्यरत है ।

गत मंगलवार को पुलिस ने डॉक्टर श्रेया राय को सिलीगुड़ी के विशेष अदालत में पेश किया, जहां न्यायाधीश ने आरोपी डॉक्टर को 3 दिन की पुलिस रिमांड पर रखने का निर्देश दिया। इस मामले में दार्जिलिंग जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी प्राचार्य से कहा कि गर्भपात का जो मामला सामने आया है, उसके विरुद्ध छानबीन शुरू कर दी गई है।


इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही जिस अस्पताल में नाबालिगा का गर्भपात किया गया है, उस अस्पताल के अन्य कर्मचारी जो इस मामले से जुड़े है उनके खिलाफ भी करवायी की जाएगी । वहीं, चिकित्सक के खिलाफ आरोप सिद्ध होने पर सजा के साथ ही उनका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।

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