सिलीगुड़ी,25 अप्रैल (नि.सं.)। शारारिक क्षमता कमजोर होने के कारण पिता चलने-फिरने में असमर्थ है। पेट कि आग बुझाने के लिए बेटी अपने पिता के साथ शहर में घूम- घूम कर लोगों से मांग कर भोजन कि व्यवस्था करती है। किसी दिन भोजन मिलता है तो किसी दिन सिर्फ आधा पेट भर कर ही दिन गुजारना पड़ रहा है। लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस लॉकडाउन ने अब उनकी चिंता ओर भी बढ़ा दी है।
पिता का नाम फाराबाड़ी के आदर्शपल्ली निवासी रवि दास है। रवि दास दिव्यांग होने के कारण वे अपना घर चलाने को असमर्थ है ।इसके बावजूद दिव्यांग होने का प्रमाणपत्र उन्हें नहीं दिया गया है। जिसके चलते वे सरकारी परिसेवाओं से आज तक वंचित है। उनका एकमात्र सहारा उनकी छोटी बेटी प्रीति हैै। रवि दास अपनी बेटी के साथ ट्राईसाईकिल से शहर के विभिन्न जगहों में घूम-घूम कर मांगते है और अपना दिन गुज़ारते है। लेकिन अचानक लॉकडाउन ने उनकी मुसीबत और बढ़ा दी है। लाॅकडाउन के कारण अब वह चिंता में है कि दो वक्त का रोटी कैसे जुगार कर पाएंगे। एक तरफ बेबसी है तो दूसरी तरफ ऐसी कई स्वयंसेवी संस्था है जो इस लॉकडाउन में उनके ममद के लिए सामने आयी है।
इन संस्थायों के सहयोग से भोजन की व्यवस्था तो हो रही है, लेकिन इसके अलावा रवि दास को कुछ जरुरी दवाइयों की भी आवश्यकता है। जिसके चलते रवि दास व उनकी बेटी अब दवाओं के लिये लोगों से सहायता की अपील कर रहे है।