अलीपुरद्वार, 3 अक्टूबर (नि.सं.)। यूं तो पूरे देश में दुर्गा पूजा और दशहरा की धूम मची हुई है। हर राज्य और उसके एक-एक शहर में दुर्गा पूजा की भव्यता अलग-अलग देखने को मिलती है। वहीं, अलीपुरद्वार में भी बड़ी ही धूमधाम से दुर्गा पूजा की जाती है। इसी बीच यहां दुर्गा पूजा में नन्हें हाथों के कमाल ने पूरे अलीपुरद्वार को उसका दीवाना बना दिया है।
अंकित देवनाथ दुर्गा पूजा के मौके पर दुर्गा प्रतिमा बनाकर सबको हैरान कर देता है।सबसे खास बात तो यह है कि वह न तो मूर्ति कलाकार है और न ही उसने इसकी किसी से कोई ट्रेनिंग ली है। यह उसके ऊपर मां की कृपा ही है जिससे कि उसने इतनी कम उम्र में ऐसी अनोखी प्रतिमा बना रहा है। अलीपुरद्वार के द्वीपचर इलाके के निवासी अंकित सातवीं कक्षा का छात्र है। वह बचपन से ही मिट्टी से खेलता था। वह चौथी कक्षा से ही मिट्टी से देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाता था इसके बाद अंकित ने अपने घर के सामने मैदान में अपने हाथ से बनी दुर्गा की मूर्ति से पूजा करना शुरू कर दिया। पहली बार आस-पड़ोस के सभी लोग उसके पूजा में शामिल हुए और उसकी प्रशंसा की।
इसके बाद वह हर साल दुर्गा पूजा के दौरान दुर्गा मां की मूर्ति, काली पूजा में काली मां की मूर्ति और सरस्वती पूजा में सरस्वती मां मूर्ति अपने हाथों से बनाकर पूजा कर रहा है। इतना ही नहीं उसकी मां उसके हाथों से बनाई गई लक्ष्मी मूर्ति के साथ घर पर कोजागरी लक्ष्मी पूजा का आयोजन करती है। अंकित की मां ने कहा कि जिस दिन से उनका बेटा मूर्ति बनाने लगा है उस दिन से मूर्ति लेने के लिए कुम्हारटोली नहीं जाते है। अंकित के पिता एक छोटे सब्जी विक्रेता हैं, उन्हीं की कमाई से उनका परिवार चलता है। पहले तो मूर्ति बनाने के खर्च और बेटे की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए माता-पिता दोनों ने बेटे को इस कार्य को करने से मना किया था, लेकिन माता-पिता दोनों उसकी एकाग्रता के आगे झुक गये।
उन्होंने बाजार से मूर्तियां बनाने के उपकरण खरीदकर उसे लाकर दिया। अब उनके साथ अंकित व्यस्त रहता है। वह सुबह समय पर स्कूल भी जाता है। स्कूल से आने के बाद वह मूर्तियां बनाना शुरू कर देता है। उसके इस काम को देखने के लिए आस-पड़ोस के लोगों की भीड़ उमड़ती है। लोग उसे प्रतिभाशाली कलाकार कहते है। उसकी पहल से ही पिछले तीन वर्षों से इलाके में पूजा होती है। उन्होंने बताया कि इस बार भी अंकित की बनाई मूर्ति से मां की पूजा की जाएगी।