सिलीगुड़ी, 3 दिसंबर (नि.सं.)। कुछ दिनों पहले ग्रीन ट्रिब्यूनल की निर्देश पर सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन ने निगम के दो और तीन नंबर वार्ड के महानंदा नदी तट को दखल मुक्त करवाया। जिससे करीबन 43 घरों के परिवार बेघर हो गए। जो फ़िलहाल खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है।अब इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है।
सिलीगुड़ी के भाजपा विधायक शंकर घोष ने पत्रकार सम्मेलन के माध्यम से कहा कि महानंदा नदी तट को दखल मुक्त कराने के लिए जो अभियान चलाया गया वह पूरी तरह से अनैतिक था। उन्होंने कहा कि जो भी पार्टी के नेताओं ने महानंदा नदी एवं सरकारी जमीन पर रुपये लेकर लोगों को बैठाया है उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि वे लोगों एक दिन में वहां पर नहीं बैठे है, बल्कि उन लोगों को स्थानीय नेताओं ने रुपया लेकर बैठाया है।
वहीं, उन्होंने कहा कि जब अनैतिक रूप से लोग वहां बैठे थे तो उन लोगों को बिजली और पानी कैसे मिल रही थी। उन्होंने कहा कि भाजपा कभी भी अवैध कब्जा को समर्थन नहीं करती है। लेकिन महानंदा नदी तट पर भोले भाले जनता को बैठाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करती है।