महज डेढ़ साल के सिलीगुड़ी के नन्हे मृगांक ने ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में बनाई जगह

सिलीगुड़ी,11 अक्टूबर (नि.सं.)। उम्र महज 1 साल 6 महीना। स्पष्ट बोल भी नहीं पाता, लेकिन फूल, फल, जानवरों, पक्षियों और विभिन्न रंगों के नाम फर्राटे से बोल सकता है। वह भी बंगाली और अंग्रेजी में। तभी तो सिलीगुड़ी के नन्हें मृगांक का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है।


मृगांक सेठ सिलीगुड़ी के दक्षिण देशबंधु पाड़ा निवासी मृणाल सेठ और मालबिका हाउलदार के इकलौता संतान है। नन्हा मृगांक अभी तक ठीक से चल भी नहीं पाया है, बोलचाल भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन क्या? फूल, फल, पशु, पक्षी समेत कई रंगों के नाम फर्राटे से बोल सकता है। बेटे के इस उपलब्धि को देखकर पहले तो माता-पिता हैरान रह गए। इसके बाद नन्हें मृगांक की प्रतिभा का वीडियो उसके पिता ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भेजा। जहां नन्हें मृगांक की प्रतिभा को पहचान मिली। सिलीगुड़ी के इस प्रतिभाशाली नन्हे का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया।

मृगांक के पिता मृणाल सेठ ने कहा कि ‘बेटा 6-7 महीने में बोलना सीख गया। अचानक मैंने नोटिस किया कि जो भी उसके सामने कहा जा रहा है, वह उसी का जवाब दे रहा है। फिर एक दिन मुझे इंटरनेट पर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के बारे में पता चला तो मैंने अपने बेटे की सारी जानकारी वहां भेज दी। इसके बाद संस्था ने बेटे की प्रतिभा को पहचाना और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कर लिया। बेटे की उपलब्धि से माता-पिता सहित परिवार के सभी लोग खुश है।


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