खोरीबाड़ी,16 अप्रैल (नि.सं.)। नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय लोक आस्था और सूर्योपासना का पर्व चैती छठ शुरू हो गया। इसके मद्देनजर खोरीबाड़ी, नक्सलबाड़ी प्रखंड सहित सीमावर्ती क्षेत्र गलगलिया में चार दिनों तक चलने वाली छठ पर्व के लिए आज सुबह से ही क्षेत्र के विभिन्न नदियों में व्रतियों ने स्नान कर पूजा अर्चना किया। इसके बाद अरबा चावल, चने की दाल और लौकी (कद्दू) की सब्जी के रूप में ग्रहण किए।
भारत-नेपाल सीमा के बीच प्रवाहित मेची नदी में व्रतियों ने स्नान कर पूजा अर्चना किया। महापर्व के दूसरे दिन शनिवार को छठ व्रती दिन भर बिना जलग्रहण किए उपवास रखने के बाद सूर्यास्त होने पर खरना करेंगे। इस दौरान वे भगवान भास्कर की पूजा करेंगे। इसके बाद से उनका करीब 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाएगा। छठ व्रतियों ने बताया इस दिन घर की अच्छे से साफ सफाई करके नदियों या तालाबों के साफ जल से स्नान करके व्रत का संकल्प लिया जाता है।
चैती छठ रखने वाले व्रती नहाए खाए के दिन चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी खाते हैं। आस्था का महापर्व छठ साल में दो बार मनाया जाता है। यह पर्व चैत्र माह में और कार्तिक माह में मनाया जाता है। चैत्र माह में होने के कारण चैती छठ के नाम से जाना जाता है।
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