सिलीगुड़ी, 25 मई (नि.सं.)। सिलीगुड़ी में महिला तस्करी कांड का एक मामला फिल्मी अंदाज में सामने आया है। फिल्म की कहानी की तरह ही सिलीगुड़ी नगर निगम के चार नंबर वार्ड से एक महिला की आर्थिक तंगी को मोहरा बनाकर नौकरी दिलाने के नाम पर उसे राजस्थान में एक मोटी रकम के बदले बिक्री कर दिया गया। बाद में सिलीगुड़ी की महिला राजस्थान में एक सामान बनकर एक हाथ से दूसरे हाथ में पैसे के बदले बिक्री होती रही। इधर, सिलीगुड़ी में उसका परिवार उसके साथ हो रही इन घटनाओं से उनका परिवार अनजान था।
महिला तस्करी गिरोह का सरगना दूसरे महिला को अपना शिकार बनाने के लिए सिलीगुड़ी में घूम रहा था,लेकिन सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने उससे पहले ही उसे गिरफ्तार कर पूरे घटना से पर्दा उठा दिया। बताया जा रहा है कि करीब दो महीने पहले सिलीगुड़ी नगर निगम के चार नंबर वार्ड ज्योतिनगर के महाराज कॉलोनी से एक विवाहित महिला को नर्स की नौकरी दिलाने के नाम पर मुन्ना उंराव नामक एक व्यक्ति उसे कोलकाता ले गया था। इधर, कोलकाता जाने के बाद सिलीगुड़ी में उक्त महिला के परिवार महिला की कोई खोज खबर नहीं होने को लेकर परेशान थे। महिला की कोई खबर नही मिल रही थी। तब जाकर परिवार वाले मेट्रोपोलिटन की खालपाड़ा आउट पोस्ट चौकी में 11 मई को महिला की अपहरण की एक लिखित शिकायत दर्ज करवाया।
जिसके बाद पुलिस मामले की जांच करते हुए गत 18 तारीख को मुख्य आरोपी मुन्ना उरांव को चार नंबर वार्ड से गिरफ्तार कर 11 दिनों की पुलिस रिमांड पर लिया। इसके बाद आरोपी से कड़ी पूछताछ शुरू हुई। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि उक्त महिला को राजस्थान ले जाया गया है। जहां पर आरोप है कि मुन्ना उरांव ने महिला को 40 हजार रूपये के एवेज में एक दूसरे व्यक्ति को बिक्री कर उसके साथ महिला का विवाह करवा दिया है। जबकि एक महीने बाद उक्त महिला को एक तीसरे व्यक्ति के हाथ में एक लाख रूपये में बिक्री कर दिया गया है।
जिसके बाद खालपाड़ा आउट पोस्ट चौकी की पुलिस ने उक्त महिला को बरामद करने के लिए राजस्थान रवाना हुई।बाद में खालपाड़ा चौकी की पुलिस मंगलवार को राजस्थान से महिला को बरामद कर सिलीगुड़ी पहुंची। पुलिस अब महिला का मेडिकल करवा कर मजिस्ट्रेट के सामने 164 के तहत बयान दर्ज करवाने की तैयारी में है। आरोपी अभी भी पुलिस रिमांड पर है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।