राजगंज,8 अक्टूबर (नि.सं.)। पूजा में अपने हाथ खर्च उठाने के लिये राजगंज के भेल्किपाड़ा की महिलाएं प्लास्टिक के फूलों की माला बनाती है। भले ही साल भर टुक-टाक फूलों की माला का काम करती है, लेकिन दुर्गा पूजा के दौरान फूलों की माला की मांग ज्यादा होेने से काम ज्यादा होता है। इस लिये पूजा आने से उनके चेहरे पर भी मुस्कान आती है।
आदर्शपल्ली इलाके के भेल्किपाड़ा के कई परिवार की महिलाएं प्लास्टिक के फूलों की माला बनाती है और वे माला बनाकर सिलीगुड़ी में मालिकों के पास पहुंचाती हैं। माला बनाकर वे लोग रोच 50-60 रुपए कमाती है। उस रूपये से महिलाएं पूजा का खर्चा उठाती हैं।
भेल्किपाड़ा की हीरामनी बर्मन ने कहा कि उनके पति दिहाड़ी मजदूर हैं। इसलिए महिलाएं घर पर बैठ कर माला बनाती है। वह रोजाना 50-60 रुपये कमाती है। उस पैसे से वह पूजा में खर्च करती है।
प्रिया राय नामक एक अन्य महिला ने कहा कि मेरे पति दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करने के लिए बाहर जाते हैं और मैं घर पर रहकर कुछ पैसे कमाने की कोशिश करती हूं। इसलिए माला बनाकर जो कुछ भी कमाती हूं उसे पूजा मेें खर्च करती हूं। वैसे तो पूरे साल माला बनाने का काम ज्यादा नहीं होता है, लेकिन पूजा के दौरान माला का ज्यादा काम आता है।