सिलीगुड़ी, 18 अगस्त (नि.सं.)।कर्सियांग में अनियंत्रित होकर एक वाहन खाई में गिर गया था। इस घटना में वाहन में सवार पांच युवकों की मौत हो गयी थी। बताया गया है कि ये पांचों युवक में कोई स्कूल में पढ़ाता था, तो कोई काॅलेज में था। वहीं, एक युवक हाल ही में नौकरी करने लगा था। इस दर्दनाक दुर्घटना में सिलीगुड़ी के 5 युवकों की जान चले गयी। पांचों युवकों के मौत के बाद उनकी मां की गोद खाली हो गयी है।
सोमवार सुबह से ही घटना की जानकारी मिलते ही सोशल मीडिया पर कई लोगों ने शोक व्यक्त की है। वहीं, जो लोग इन युवकों को जानते थे वे लोग उनके घर पहुंच रहे है। रात को जैसे ही सुब्रत दास, विक्रम दास, ऋषभ दास और अर्घ्य कुंडू के शव रथखोला में पहुंची तो उनके पड़ोसियों और दोस्तों के आंखों से आंसू बहने लगी।
सभी ने आंसुओं के साथ इन युवकों को अंतिम विदाई दी। हालांकि, आज सुबह घटना के बारे में जानकारी मिलने के बाद अधिकांश लोगों का कहना है कि वे लोग यदि सतर्क और सावधान रहते तो दुर्घटना से बच जाते। वहीं, सोशल साइट पर शोक व्यक्त करने के अलावा लोगों ने कहा कि युवा पीढ़ी को और भी जागरूक होना पड़ेगा।अभिभावकों के बातों को सुनना होगा।
15 अगस्त की सुबह एक वाहन से सुब्रत, विक्रम, ऋषभ और मिलनपल्ली के निवासी राज सिंह पहले लाटागुड़ी गये थे। वहां से वे सभी रात को लौट आये थे। इसके बाद रात को ही वे सभी अर्घ्य को साथ लेकर कर्सियांग के लिए रवाना हुए। पांचों में से एक युवक वाहन चला रहा था। कर्सियांग से उतरते वक्त कार्गिलदार के पास उनकी वाहन अनियंत्रित होकर 600-700 फीट गहरी खाई में गिर गयी। जिसके चलते पांचों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी।
पुलिस ने घटनास्थल से टुकड़ों में वाहन को बरामद किया है। हालांकि, इस घटना के बाद विभिन्न वर्गों के लोग शहर की युवा पीढ़ी को और भी सतर्क व सावधान से रहने को कह रहे है। कुछ युवक को शहर की सड़कों और पहाड़ी सड़कों पर तेज गति से बाइक और वाहन चलाते देखा जाता है। वाहन चलाने का अनुभव हो या नहीं हो वे लोग दोस्तों के साथ घुमने पहाड़ों पर चले जाते है। जो की बहुत खतरनाक है।
अभिभावकों के मना करने के बावजूद भी वे लोग नहीं सुनते है। सोमवार रात को रथखोला में चारों युवकों के शव उनके घर पहुंचा तो उन्हें अंतिम विदाई देने के लिये विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता वहां पहुंचे। उन लोगों का कहना है कि शहर के युवाओं को मार्गदर्शन की आवश्यकता है। कई युवाओं को काउंसलिंग की जरूरत है। यदि वे अभिभावकों के बातों को नहीं सुनते है, तो फिर समाज के अन्य लोगों को उन्हें समझाने की जिम्मेदारी लेनी होगी।
दूसरी ओर, दार्जिलिंग जिला लीगल एड फोरम के सचिव अमित सरकार ने कहा कि विभिन्न क्लबों और शैक्षणिक संस्थानों आगे आकर नयी पीढ़ी को अपने समाजिक और विकासमूलक कार्य में शामिल करना चाहिए। अभिभावकों के अलावा पूरे समाज को उनके साथ खड़ा होना होगा।विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों ने कहा कि युवाओं की ऐसी मानसिकता के लिए पूरा समाज जिम्मेदार है।
युवाओं को जब नियम को पालन केंद्र के किया कहा जाता है तो वे इसकी अवहेलना करते है। इसमें माता-पिता को एक प्रमुख भूमिका निभानी होगी।अभिभावकों ने कहा कि घर के माता-पिता को और भी जिम्मेदार होने की आवश्यकता है। वर्तमान पीढ़ी बहुत लापरवाह होती जा रही है। इसके लिये पूरे समाज को काउंसलिंग की जरूरत है।