सिलीगुड़ी: लोक आस्था का महापर्व छठ सोमवार को सिलीगुड़ी में शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। चार दिवसीय इस पर्व का समापन आज उदीयमान सूर्य के अर्घ्य के साथ हो गया। सिलीगुड़ी में सूर्य उपासना के महापर्व छठ के अंतिम दिन आस्था, उल्लास और समर्पण का अनूठा नजारा देखने को मिला।
बीते कल छठव्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया और आज व्रतीयों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ महापर्व का व्रत पूर्ण किया। लोक-आस्था से जुड़ा यह पावन पर्व भगवान भास्कर और छठी मइया की पूजा के लिए जाना जाता है।
हिंदू धर्म में यह एक मात्र पावन पर्व है, जिसमें न सिर्फ उगते हुए बल्कि डूबते हुए सूर्य को भी अर्घ्य दिया जाता है। मान्यता है कि सच्ची श्रद्धा व विश्वास से छठी मैया की पूजा करने पर मां उनकी समस्त मनोकामना पूर्ण करती है।
देश के विभिन्न हिस्सों के साथ सिलीगुड़ी में भी भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए महानंदा नदी घाटों व तालाबों-जलाशयों पर श्रद्धालुओ की भीड़ देखी गयी।विभिन्न घाटों को रंग बिरंगी लाइटों से सजाने के साथ ही व्रतियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इस पर पुलिस प्रशासन की विशेष ध्यान थी।
छठ पूजा के मौके पर महानंदा नदी में किसी भी तरह की अप्रिय घटना न हो इसके लिए राज्य सरकार की राज्य आपदा प्रबंधन दल तैनात किया गया था। सिलीगुड़ी में सूर्य भगवान को दंडवत प्रणाम कर कई व्रतीयों ने अर्घ्य देते हुए दीर्घायु और सुख समृध्दि की कामना के साथ ही
श्रद्धालुओं ने अपनी संतान और पूरे परिवार के सुख-सौभाग्य और आरोग्य की कामना की।