जलपाईगुड़ी, 5 अगस्त (नि.सं.)। शराब की लत के शिकार लोगों को जब तक शराब न मिले,तब तक वे बेचैन रहते हैं। ऐसे लोग नशे के सेवन से पहले असामान्य रहते हैं और उसे पाने के बाद खुद को सामान्य स्थिति में पाते हैं। यह स्थिति ऐसे लोगों को पूरी तरह बीमार बना देती है।
शराब की लत एक लाइलाज बीमारी है। यह कई बहाने से शरीर में प्रवेश करती है और धीरे-धीरे जिंदगी को अपनी गिरफ्त में ले लेती है। जब यह हद से बढ़ जाती है तो मुक्ति पाने के लिए शराबी छटपटाने लगता है। शराब पीने की लत एक चतुर, शक्तिशाली और मायावी बीमारी है। इसकी गिरफ्त में आने वाला इसे पाने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाता है। शराबी को जब इसकी तलब होती है तो वह झूठ बोलने, कसमें खाने से भी परहेज नहीं करता। वह इस लत के सामने खुद को कमजोर पाता है।
ऐसे ही एक मामला जलपाईगुड़ी नगर पालिका के 2 नंबर वार्ड अंतर्गत रायपाड़ा से आया है। जलपाईगुड़ी नगर पालिका के 2 नंबर वार्ड अंतर्गत रायपाड़ा के निवासी सुभाष राय को भी शराब पीना की आदत हो गई थी। वह बेटे के प्रतिवाद करने पर सोचे थे कि शराब छोड़ देगे। लेकिन शराब पीने की आदत छोड़ने की कोशिश करने के बाद भी सुभाष राय शराब नहीं छोड़ पाए। अंत में उन्हें शराब में जहर मिलाकर आत्महत्या का रास्ता चुना। पेशे से सुभाष राय टोटो चालक थे।
मृतक के बेटे बिप्लब राय ने कहा कि उसने अपने पिता को शराब छोड़ने के लिए कहा था। लेकिन पिता ने शराब छोड़ने के बजाय शराब में जहर मिलाकर पी लिया। घटना के बाद उन्हें बरामद कर अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हेें मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद से इलाके में मातम छाया गया है।