श्रमिक आंदोलन की वजह से चेंगमारी चाय बागान एक बार फिर हुआ बंद   

नागराकाटा, 10 मार्च (नि.सं)। उत्तर बंगाल के सबसे बड़े चाय बागान चेंगमारी चाय बागान बंद हो गया। मंगलवार आधी रात को चाय बागान प्रबंधक चाय बागान को छोड़कर चले गए हैं। चाय बागान प्रबंधक पक्ष का कहना है कि चाय बागान में कुछ श्रमिकों की वजह से कानून-व्यवस्था की समस्याएँ पैदा हो रही थी। जिस वजह से चाय बागान को बंद किया गया है। वहीं, चुनाव की पूर्व चाय बागान बंद होने से राजनीतिक क्षेत्र में हलचल मच गई है।


मिली जानकारी के अनुसार, चेंगमारी स्थायी और अस्थायी श्रमिकों की संख्या 5,000 है। चेंगमारी निवासी एवं लुकसान ग्राम पंचायत प्रधान मनोज मुंडा ने कहा कि चाय बागान प्रबंधक चाय श्रमिकों के ऊपर काफी अत्याचार कर रहा था। श्रमिकों के हित के लिए बात करने पर चाय प्रबंधक चाय बागान को बंद करके चले गए हैं। पहले भी एक बार ऐसा हो चुका है। हम अब वर्तमान प्रबंधक को नहीं चाहते है।

चेंगमारी चाय प्रबंधक कमलेश कुमार झा ने कहा कि पहले के त्रिपक्षीय समझौते के अनुसार सभी जरूरी पद्क्षेप लिए गए थे। हालांकि, कुछ श्रमिक इसे नहीं मानते हुए चाय बागान में अशांति का माहौल पैदा कर रहे थे। बाहर से काम करने आनेवाले अस्थायी कर्मचारी को प्रवेश करने में बाधा दिया जा रहा था। जिससे उत्पादन पर भारी असर पड़ रहा था। जिस वजह से बंद करने के अलावा उसके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं था।


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