सिलीगुड़ी, 21 फरवरी (नि.सं.)।सिलीगुड़ी नगर निगम के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया। आज सिलीगुड़ी बाघाजतिन पार्क मैदान में नगर निगम के प्रशासक मंडली के चेयरमैन तथा सिलीगुड़ी के विधायक अशोक भट्टाचार्य, जिबेश सरकार समेत अन्य वार्ड को-ऑडिनेटरों ने शहीद बेदी पर माल्यार्पण कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद 1948 में पाकिस्तान सरकार ने उर्दू को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया। इस दौरान पूर्वी पाकिस्तान (मौजूदा बांग्लादेश) में इस फैसले का कड़ा विरोध हुआ। 21 फरवरी 1952 को ढाका यूनिवर्सिटी के छात्रों और कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए। विरोध रोक पाने में नाकामयाब होने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चला दीं।
इस घटना में चार छात्र मारे गए। पूर्वी पाकिस्तान में इस तरह के प्रदर्शन जारी रहे। 29 फरवरी 1956 को बांग्ला भाषा को पाकिस्तान में आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला।1952 में भाषा आंदोलन के दौरान मारे गए छात्रों की याद में यूनेस्को ने 1999 में आज के दिन को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस घोषित किया।
पहली बार 21 फरवरी 2000 को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया गया था।इसी के मद्देनजर भाषा शहीदों को पूरे विश्व के साथ-साथ राज्य में भी श्रद्धांजलि दी जाती है। सिलीगुड़ी में भी शहीद बेदी में नगर निगम द्वारा विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।