सिलीगुड़ी,12 मई (नि.सं.) कोरोना ने लोगों की मानसिकता को बदल दिया हैं। अन्यथा, दिल का दौरा पड़ने वाले व्यक्ति का शव पूरी रात घर के बाहर एक कार में पड़ा रहता। यहां तक की शव के अंतिम संस्कार के लिए परिवार के सदस्य भी आगे नहीं आए। ऐसी ही एक अमानवीय घटना सिलीगुड़ी के दक्षिण शांतिनगर स्थित बिनयमोड़ के पाइपलाइन से सामने आई हैं। मृतक की पहचान सुब्रत कर के रूप में हुई हैं।
बताया जा रहा है की मंगलवार की रात को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में सुब्रत कर का दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गया था। मौत के बाद शव को एक कार में घर लाया गया। हैरानी तब हो गई जब अंतिम संस्कार के लिए न तो परिवार के लोग और न ही पड़ोसी सामने आए।
सुबह घर के बाहर कार में शव देखकर इलाके में उत्तेजना फैल गई। खबर मिलते ही अशीगर चौकी की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। इसके बाद पुलिस ने एक स्वयंसेवी संस्था के मिलकर शव को उठाकर श्मशान ले गए।
घटना के बाद स्वयंसेवी संस्था के सदस्यों ने पड़ोसियों और परिवार के सदस्यों की भूमिका पर सवाल उठाया हैं। वहीं बताया जा रहा है कि मृतक व्यक्ति की पत्नी और एक तीन साल का संतान हैं। यहना तक कि स्वयंसेवी संस्था के तरफ से मृतक के परिवार को कॉल कर अंतिम संस्कार में शामिल के लिए बुलाया गया लेकिन परिवार के सदस्यों ने इससे इंकार कर दिया।