सिलीगुड़ी, 24 फरवरी (नि.सं.)। कहते है कि भारतीयों को चाय पीना अग्रेजों ने ही सिकाया था, लेकिन अब चाय की दीवानगी अंग्रेजों से ज्यादा भारत के लोगों में दिखाई देती है। शहर की गली-चौराहों व होटलों में आपको लोग चाय की चुस्कियां लेते दिख जायेंगे।
सुबह-शाम दोपहर, लोग दोस्तों के साथ चाय पीते दिखाई देते है। यहां तक की कई लोगों की दिन की शुरूआत चाय की चुस्कियों के साथ होती है। वहीं, शहर में कई जगहों पर चाय के लिये लोगों की लाइनें लगती है।
आजकल पूरे शहर में कई कॉफी शॉप खुल रही है। वहीं,दूसरी तरफ लोगों को ध्यान में रखते हुए इस बार चाय की चुस्कियाें के अलावा आपकी अंदर की कला को उजागर करने के लिए सिलीगुड़ी में एक नई कॉफी शॉप बनाये गये है। जो सिर्फ एक कॉफीशाॅप नहीं, बल्कि यह एक स्टूडियो कैफे है। इस कॉफी शॉप को एक स्टूडियो की तरह बनाया गया है। यहां आप दिल खोल कर गा सकते हैं, कविता पाठ कर सकते है। यहां तक की आप अपनी खुद की हाथों से बनायी हुई तस्वीर भी प्रदर्शित कर सकते हैं। इस स्टूडियो कैफे में सभी व्यवस्थाएं की गयी है।
कैफे के कर्ताधता इंद्रनील दत्त और शुभ्रनील दत्त ने पूरे कैफे को अपने हस्तशिल्प से सजाया है। साथ ही यहां की कॉफी हैंडमेड है। शुभ्रनील दत्त ने कहा कि लोगोें के अंदर कला होते है, लेकिन अपने कला को व्यक्त करने के लिए उन्हें सही जगह नहीं मिलती है। लेकिन यह स्टूडियो कैफे उन्हें वह अवसर देगा। नास्टैल्जिया बनाये रखने के लिए कैफे को हकीमपाड़ा में एकांत स्थान पर बनाया गया है। उम्मीद है कि कलाकारों को ध्यान में रखकर बनाया गया यह नया स्टूडियो कैफे शहरवासियों के मन में अलग जगह बनाने में कामयाब रहेगा।