सिलीगुड़ी, 30 दिसंबर(नि.सं.)। सिलीगुड़ी के प्रधाननगर स्थित रामकृष्ण वेदांत आश्रम के एक संन्यासी को SIR सुनवाई का नोटिस भेजा गया है। यह नोटिस माता-पिता के नाम से जुड़े दस्तावेज विषय को लेकर जारी किया गया है।
रामकृष्ण वेदांत आश्रम के रघुनंदन महाराज रामकृष्ण मठ से दीक्षित संन्यासी हैं। उन्होंने कहा कि दीक्षा के बाद संन्यासी जैविक माता-पिता का नाम उपयोग नहीं करते। उनके अनुसार, संन्यास परंपरा में पिता के रूप में ‘रामकृष्ण देव’ और माता के रूप में ‘मां शारदा’ का नाम दर्ज किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पास भारत सरकार द्वारा जारी पासपोर्ट है, जिसमें माता-पिता के नाम इसी परंपरा के अनुसार दर्ज है।इस मामले पर तृणमूल कांग्रेस नेता वेदव्रत दत्त ने कहा कि जो दल हमेशा हिंदू धर्म के मुद्दों पर बड़े-बड़े दावे करता है, उसी के शासन में आज संन्यासियों की पहचान पर भी SIR के नाम पर सवाल उठ रहे हैं।वहीं, भाजपा की सिलीगुड़ी संगठनात्मक जिला आईटी सेल के प्रभारी दीपंकर कुंडू ने कहा कि SIR एक निर्धारित प्रक्रिया है। सिर्फ एक संन्यासी ही नहीं, जिन-जिन लोगों को नोटिस मिला है, सभी को दस्तावेज़ सत्यापन कराना होगा। नियम प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री पर भी समान रूप से लागू होते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल अपने कथित बांग्लादेशी वोट बैंक को बचाने के लिए इस मुद्दे की गलत व्याख्या कर रहे हैं।
