सिलीगुड़ी, 7 मई (नि.सं.)। सेल्फी शौक में शुमार हो चला है। मोबाइल सेल्फी हमारी आम जिंदगी का हिस्सा बन गया है। इस शौक का असर इतना हावी है कि लोग दस घंटे अपनी दिनचर्या का सेल्फी के जरिए सोशल मीडिया में भी अपलोड कर रहे है। युवाओं में सेल्फी का इतना क्रेज है कि वह जान जोखिम में डालकर भी सेल्फी ले रहे हैं। यही सेल्फी लेना ही एक युवती को महंगा पड़ गया,जिसके चलते उसे अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ गया। दरअसल हम यहां सिलीगुड़ी के 35 नंबर वार्ड की निवासी बिदिशा दास की बात कर रहे है।
सिलीगुड़ी के 35 नंबर वार्ड की निवासी बिदिशा दास अपने फूआ के बेटे के शादी में शामिल होने के लिये इसी महीने की 3 तारीख को जलपाईगुड़ी जिले के दोहमानी में गई थी। लेकिन वह नहीं बल्कि उसका शव घर लौटी है। विवाह समारोह के बाद शुक्रवार को बिदिशा अपने भाई-बहनों के साथ तीस्ता नदी पर पिकनिक मनाने गई थी। इसी दौरान वह नदी मेें सेल्फी लेने के लिए उतरी थी। तभी उसका अचानक पैर फिसल गया और नदी में बह गई।
उसे बचाने के लिये उसके भाई नदी मेें तलाशी चलाया, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। खबर मिलते ही सिविल डिफेंस की टीम और मयनागुड़ी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। हालांकि, अंधेरा होने के कारण प्रशासन बचाव अभियान नहीं चला सका।
उसका आज सुबह शव बरामद किया गया। बताया जा रहा है कि बिदिशा को पुलिस बनने का सपना था। वह परीक्षा में पास भी हो गई थी। इधर आज शाम जैसे ही उसका शव सिलीगुड़ी पहुंचा तो परिवार वाले फूट-फूट कर रोने लगे। साथ ही इलाके में लोगों की भीड़ भी उमड़ पड़ी।
वहीं, घटना की जानकारी मिलते ही वार्ड की पार्षद शंपा नंदी घटनास्थल पर पहुंची व घटना पर दुख जताया और परिवार के साथ रहने का आश्वासन दिया। बिदिशा के परिवालों ने कहा कि बिदिशा पुलिस बनना चाहती थी।
नदी में उतरकर उसे बचाने की काफी कोशिश की गई। पानी का स्तर अधिक होने के कारण रात में गोताखोर नदी मेें नहीं उतर सके। आज सुबह शव बरामद किया गया।