राजगंज, 23 अक्टूबर(नि.सं.)। राजगंज के संन्यासीकाटा कुतबगछ की काली पूजा की तैयारी शुरू हो गयी है। इस वर्ष कुतबगछ की काली पूजा 75वें वर्ष में प्रवेश कर रही है। इस पारंपरिक पूजा में बलि की प्रथा है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व पाकिस्तान के विभाजन से पहले यह काली पूजा और मेला वर्तमान बांग्लादेश के पंचगढ़ के शालबाहन इलाके में आयोजित किया जाता था। विभाजन के बाद हिन्दू पलायन कर गये। जिसके बाद भी मां का मंदिर दूसरी तरफ था। बताया जा रहा है कि इस दौरान एक स्थानीय निवासी को मां को यहां लाकर स्थापित करने का सपना आया।
इसके बाद इलाके के लोगों ने मां का मंदिर स्थापित किया और मां को दूसरी तरफ ले आये। तब से कुतबगछ में पूजा और मेले का आयोजन होता आ रहा है।
हर साल की तरह इस साल भी काली पूजा के दिन शनिवार और रविवार को मेला का आयोजन किया जाएगा। इस मेले में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग पहुंचते हैं। राजगंज के अलावा दार्जिलिंग जिले के फांसीदेवा प्रखंड से भी काफी लोग मेले में आते हैं। इस वर्ष पूजा के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं एक दिवसीय गीत-संगीत कार्यक्रम का भी आयोजन किया जायेगा।
उत्तर बंगाल, समाचार, सिलीगुड़ी
राजगंज की पारंपरिक कुतबगछ काली पूजा की तैयारी शुरू
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