सिलीगुड़ी,20 सितंबर(नि.सं.)। थ्रेट कल्चर और भ्रष्टाचार के बाद फर्जी नियुक्ति पत्र मामले में उत्तरबंग मेडिकल कॉलेज व अस्पताल अब सुर्खियों में है। यह मामला प्रकाश में आने के बाद राज्य का स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है। क्या स्वास्थ्य विभाग के आंखों में धूल झोककर फर्जीवाड़ा का खेल चल रहा है या फिर इसके पीछे कोई बड़े गिरोह का हाथ है।
दरअसल, जिस फर्जी नियुक्ति पत्र की हम बात कर रहे है। उस पत्र में सरकारी स्टांप के साथ-साथ विश्व बांग्ला का लोगो मिला है। इतना ही नहीं इस नियुक्ति पत्र में कोलकाता के सॉल्ट लेक स्थित स्वास्थ्य भवन का पता लिखा हुआ है। जिसमें स्वास्थ्य भवन का स्टांप भी लगाया हुआ है। जिसके बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग और उत्तरबंग मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के अंदर इस फर्जी नियुक्ति कांड में किसी बड़े गिरोह का हाथ होने का आरोप उठ रहा है। आपको बता दें कि बीते कल रायगंज के मुस्ताक अली और इमरान अली ग्रुप डी की नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र के साथ उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल पहुंचे थे। वहीं, मेडिकल प्रबंधन द्वारा जब नियुक्ति पत्र की जांच की गयी तो पता चला कि मेडिकल कॉलेज में ग्रुप डी नौकरी के लिए कोई नियुक्ति परिक्रिया नहीं हुई है। यह नियुक्ति पत्र फर्जी है।
इसके बाद मेडिकल चौकी के ओसी को घटना की जानकारी दी गयी। जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया। पुलिस ने इनके पास से नियुक्ति पत्र भी बरामद किया है। आखिर कैसे तैयार हुआ यह फर्जी नियुक्ति पत्र? इसके पीछे कौन-कौन शामिल है? इसकी जांच पुलिस ने शुरू कर दी है। फिलहाल, आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। वहीं, इस विषय में स्वास्थ्य विभाग को भी जानकारी दी गयी है।