सिलीगुड़ी, 30 दिसंबर(नि.सं.)।उत्तरबंग मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में लंबे समय से ट्रॉली और व्हीलचेयर की समस्या बनी हुई है। लंबी कतार में खड़े रहने के बाद भी ट्रॉली या व्हीलचेयर नहीं मिल रही है। अगर ट्रॉली या व्हीलचेयर मिलते भी हैं तो उन्हें ले जाने वाले लोग नहीं होते। इससे दूर-दराज से आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी होती है।
उत्तरबंग मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में कई लोग इलाज के लिए आते हैं। यहां स्ट्रेचर, ट्रॉली और मेडिकल स्टाफ की कमी है। चिकित्सा का बुनियादी ढांचा चरमरा गया है। कई बार कुप्रबंधन के आरोप लगते रहे हैं।उत्तरबंग मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के रोगी कल्याण समिति के राज्य सरकार के प्रतिनिधि गौतम देव ने इस समस्या का जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया, लेकिन इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। दिन-ब-दिन परेशानी बढ़ती जा रही है। आज मरीज के परिजनों ने चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश जताया।
मरीज के परिजनों ने बताया कि करीब एक से दो घंटे तक लाइन में खड़े रहने के बाद भी ट्रॉली या व्हीलचेयर नहीं मिली। यदि हमें यह मिलता भी है तो हमें इसका परिवहन करना पड़ता है। इसके चलते कई लोगों ने कहा कि उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
दूसरी ओर,उत्तरबंग मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के अधीक्षक संजय मल्लिक ने कहा कि बड़ी संख्या में मरीज आउटडोर में डॉक्टरों को दिखाने आते हैं। उनकी जरूरत की तुलना में पर्याप्त ट्रॉली या व्हीलचेयर नहीं हैं।उन्होंने कहा कि विभिन्न वार्डों में ग्रुप डी कर्मियों की संख्या कम है। मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण मरीजों के परिजनों को ट्रॉली खींचनी पड़ती है।