सिलीगुड़ी, 4 जुलाई : सिलीगुड़ी अदालत के फॉस्ट ट्रैक कोर्ट ने 14 वर्ष बाद एक युवती की हत्या के मामले में अपना फैसला सुनाया है। अदालत ने युवती गीता पटनायक दास के हत्या करने के मामले में आरोपी प्रेमी सुब्रतों माइती को आजीवन कारावास की सजा और 50 हजार रुपय का जुर्माना लगाया है।
उल्लेखनीय है कि साल 2006 के 20 फरवरी को प्रधान नगर थाने में एक होटल के मैनेजर प्रफूल बर्मन ने शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में कहा गया था कि उक्त होटल के एक कमरे के बाथरूम में एक युवती अचेत अवस्था में पड़ी है। युवती की इस अवस्था के पीछे मैनेजर ने युवती के साथ आये एक युवक के हाथ होने की आशंका जतायी।
जिसके बाद प्रधाननगर थाना पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी थी। इसके बाद पुलिस ने 44 लोगों का बयान दर्ज किया। इसके साथ ही पुलिस ने चार्ज सीट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी जमा किया। रिपोर्ट में यह पता चला कि उक्त युवती 2 महीने की गर्भवती है और उसकी मौत गले में फंदे के चलते दम घुटने से हुई है।
युवती की हत्या के मामले में सरकारी पक्ष के वकील अमिताभ मुखर्जी ने बताया कि 14 वर्ष लंबे समय के बाद आज सिलीगुड़ी फास्ट ट्रेक कोर्ट की न्यायाधीश डॉक्टर मौमिता भट्टाचार्य ने पुलिस की चार्ज सीट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और 44 लोगों के बयान के आधार पर आरोपी सुब्रतों माइती को गीता पटनायक दास की हत्या में दोषी पाया एवं उसे आईपीसी 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा और नगद 50 हजार रुपय का जुर्माना भी लगाया है।