सिलीगुड़ी,18 दिसंबर (नि.सं.)।यदि इरादे और मजबूत हो जिने की तमन्ना हो तो मौत कुछ नहीं बिगाड़ सकती है। कोरोना को मात देकर सौ वर्षीय एक वृद्धा ने यह साबित कर दिया है। उनकी अधिक उम्र चिकित्सकों के लिये चुनौती बनी हुई थी। आखिरकार सिलीगुड़ी के एक निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने 100 उम्र की कोरोना संक्रमित वृद्धा को 30 दिनों में स्वस्थ कर घर वापस भेजा है।
कोरोना संक्रमित हुए कई आशंकाजनक मरीजों को ठीक कर राज्य के कई अस्पताल ने बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। हालांकि, 100 वर्षीय कोरोना पीड़ित वृद्धा को ठीक करने का एक अनूठा उदाहरण है। बताया गया है कि सिलीगुड़ी के हाकिमपाड़ा के निवासी पारुलबाला पाल को 16 नवंबर को शारीरिक बीमारी के कारण स्थानीय निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था,जहां उनके कोरोना टेस्ट की गयी।जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी।
हालांकि, डॉक्टर उनकी उम्र को देखकर थोड़ा डर गये। चिकिस्तकों ने कहा कि कोरोना के समय से अस्पताल को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।लेकिन इस मामले में चुनौती थोड़ी ज्यादा थी,क्योंकि रोगी की शारीरिक बीमारी की तुलना में रोगी की उम्र अधिक चिंताजनक थी।हालांकि,अस्पताल के चिकित्सकों, नर्सों और चिकित्सा कर्मचारियों काफी प्रयासों के कारण वह कोरोना को मात देकर घर लौट पायी है।