सिलीगुड़ी, 3 नवंबर (नि.सं.)।कैंसर का नाम सुनते ही मानों लोगों का दिमाग काम करना बंद कर देता है। कैंसर किसी भी तरह का क्यों ना हो, लोगों के माथे पर शिकन जरूर ला देता है। कैंसर का नाम लेते ही लोगों को लगता है कि अब मरीज का मौत करीब है। इसे कुछ लोग लाइलाज बीमारी समझते हैं तो कुछ इसे दर्दनाक मौत समझते हैं। कैंसर होने के कुछ ही हफ्ते बाद बाल झरने शुरू हो जाते हैं। मरीज को बस यही चिंता सताने लगती है कि बिना बालों के वो कैसे दिखेंगे। खासकर महिलाएं बिना बाल के कैसे दिखेंगी।
महिलाओं के लिए उनके बाल सुंदरता का प्रतीक हैं। हालांकि, कैंसर के रोगियों के लिए उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में आघात के अलावा उन्हें कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों के कारण बाल खोने से होने वाले तनाव से भी गुजरना पड़ता है। इसलिए महिलाओं को इस कमी को दूर करने के लिये अन्य महिला आगे आई है।
सिलीगुड़ी शहर के एक स्वयंसेवी संस्था पहल पर आज शहर के पाचं महिलाओं ने अपने बाल दान किए है। इसके अलावा स्पीड पोस्ट के माध्यम से तीन और महिलाओं ने अपने बाल को दान कर उक्त स्वंयसेवी संस्था के पास भेजा है। बताया गया है कि ‘लेडीज सर्कल इंडिया’ नामक एक संस्था के माध्यम से इन बालों जांच के लिए दिल्ली भेजा जाएगा।