सिलीगुड़ी,13 दिसंबर (नि.सं.)। गोर्खा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम – 2) के नेता विनय तामांग ने केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर उनकी संवैधानिक न्याय की मांग पूरी नहीं होती है तो वे विधानसभा चुनाव से पहले कोई भी स्टैंड ले सकते हैं। विनय तामांग ने हिल्स को संवैधानिक न्याय देने के लिए भारत-भूटान 1949 और इंडो-नेपाल संधि 1950 को रद्द करने की मांग की और मुद्दों को हल करने के लिए द्विपक्षीय वार्ता और त्रिपक्षीय वार्ता की मांग की है।
आज गोर्खा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम – 2) द्वारा सुकना मैदान में नया सोच नया विचार के तहत परिवर्तन सभा का आयोजन किया गया था। सभा के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए विनय तामांग ने यह बात कही। इस सभा में जीटीए चेयरमैन अनित थापा भी मौजूद थे। पत्रकारों से बात करते हुए विनय तामांग ने कहा कि वे लोग चाहते हैं कि केंद्र सरकार संवैधानिक न्याय दे और भारत-भूटान और भारत-नेपाल संधि को रद्द करे।
इसके साथ ही मुद्दों को हल करने के लिए त्रिपक्षीय वार्ता हो। विनय तामांग ने चेतावनी देते हुए कहां कि विधानसभा चुनाव से पहले इसका समाधान नहीं हुआ तो वे अलग रास्ता खोजेंगे। उन्होंने कहा कि वह तराई और पहाड़ क्षेत्रों के लोगों को संवैधानिक न्याय दिलाने के लिए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधान मंत्री और गृह मंत्री को पत्र भी लेखेंगी।