सिलीगुड़ी, 13 अप्रैल (नि.सं.)। सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह द्वारा आज ही के दिन वर्ष 1699 खालसा पंथ की स्थापना की गई थी। खालसा पंथ की स्थापना के बाद से ही सिख समुदाय में पगड़ी पहनने के साथ-साथ कृपाण रखने का नियम बन गया।
उसके बाद से प्रत्येक वर्ष आज के दिन खालसा पंथ की स्थापना दिवस को वैशाखी पर्व के तौर पर मनाया जाता है। खालसा पंथ के स्थापना दिवस ( बैसाखी पर्व) पर आज गुरुद्वारा को भव्य रूप से सजाया गया है। वहीं, भाजपा के सिलीगुड़ी से उम्मीदवार शंकर घोष गुरुद्वारा पहुंचे। जहां उन्होंने मत्था टेका और सिख गुरुओं से मुलाकात कर पांव छूकर जीत का आशीर्वाद लिया। इस दौरान शंकर घोष ने लगंर भी खाया।
वहीं, शंकर घोष ने कहा कि आज के दिन ही खालसा पंथ की स्थापना हुई थी। इस दिन सिख समुदाय बैसाखी पर्व के रूप में मानती है। एक तरह से यह सिख समुदाय के लिए नववर्ष हैं। इसी के मद्देनजर गुरुद्वारा में कई कार्यक्रम आयोजन होते है।
इसी में शामिल होने के लिए वे गुरुद्वारा पहुंचे है। उन्होंने कहा वे गुरुद्वारे में मत्था टेक सिख गुरुओं से जीत का आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा यही असल में भारत की संस्कृति हैं। वहीं, उन्होंने कहा कि मैं यहां प्रचार करने के लिए नहीं बल्कि सिख समुदाय की खुशी में शामिल होने आया हूं।