कोरोना से जंग में कौन है बेहतर हथियार कपड़े के मास्क या N95? डाॅक्टर शंख सेन ने दिया इस सवाल का जवाब

सिलीगुड़ी, 23 अप्रैल (नि.सं.)। कोरोना वायरस से बचने के लिए सरकार ने कई मानक तय किए हैं। साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना, सोशल डिस्टेंसिंग आदि, लेकिन इन सब में फिलहाल अगर आप बाहर निकलते हैं तो मास्क पहनना सबसे जरूरी काम है। हालांकि,वायरस को रोकने के लिए कपड़े के मास्क नहीं बल्कि सर्जिकल मास्क या N95 मास्क का इस्तेमाल करना होगा। जैसे ही पहले चरण में कोरोना संक्रमण फैलने से विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि संक्रमण से बचने के लिए मास्क का उपयोग करनी होगी।


साथ ही सर्जिकल मास्क पहनने की सलाह दी। लेकिन परिस्थिति कुछ सामान्य होते ही कई लोगों ने मास्क का उपयोग करना बंद कर दिया था। हालांकि,इस बार स्थिति फिर से भयानक होती जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कोरोना के नियमों का फिर से सही तरीके से पालन नहीं किया गया तो संक्रमण अधिक भयानक रूप लेने वाला है। इस लिये कोरोना वायरस को रोकने लिये मास्क पहनना जरूरी है। लेकिन कपड़े का मास्क वायरस को कभी नहीं रोक सकता है। इसलिए आम जनता को भीड़ में सर्जिकल मास्क का उपयोग करना होगा। जो लोग आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं वे N95 का उपयोग कर सकते हैं।

सिलीगुड़ी के एक प्रसिद्ध चिकित्सक शंख सेन ने कहा कि ऐसे मास्क पहननी होगी जिससे नाक और मुंह के चारों ओर ढंका हो। कोरोना वायसर से बचने के लिये उन्होंने तीन परतों वाला सर्जिकल मास्क पहनने की सलाह दी है।


हालांकि,अगर किसी के पास सर्जिकल या एन 95 मास्क नहीं है तो वह कपड़े के मास्क का उपयोग कर सकते है।कपड़े के मास्क भी काफी हद तक लोगों को सुरक्षित रखेगा। इस लिये मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।

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